बेरोजगार संघ के कथित प्रतिनिधियों की सीएम से भेंट पर विवाद
-सरकार का दावा बेरोजगार संघ व पीसीएस मुख्य परीक्षा अभ्यर्थी संघ ने की सीएम से भेंट
नकल विरोधी अध्यादेश लागू करने व भर्ती परीक्षा कैलेंडर करने की पहल की भी सराहना की
देहरादून। बेरोजगार संघ के कथित प्रतिनिधिमंडल के सीएम धामी से मिलने पर विवाद हो गया है। जहां सरकार की ओर से शनिवार को दावा किया गया कि सीएम पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में बेरोजगार संघ एवं पीसीएस मुख्य परीक्षा अभ्यर्थी संघ के प्रतिनिधियों ने भेंट की।
वहीं उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने सोशल मीडिया में अपने आधिकारिक पेज से इसका खंडन किया। असल में शनिवार को भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान के साथ जाकर जो लोग सीएम से मिले उन्होंने राज्य में सख्त नकल विरोधी अध्यादेश लागू किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी किए जाने की पहल की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि गत दिनों देहरादून में धरना प्रदर्शन के दौरान कुछ अभ्यर्थियों पर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई चल रही है, उनको रविवार को होने वाली लेखपाल भर्ती की लिखित परीक्षा की अनुमति दी जाए। मुख्यमंत्री ने डीजीपी को निर्देश दिए कि उन्हें लेखपाल भर्ती की लिखित परीक्षा देने के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने और वहां से लाने की व्यवस्था की जाय। उन्होंने सभी प्रदेश के युवाओं से अपील की है कि पूरी मेहनत से परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं।
बेरोजगार संघ के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी डीजीपी अशोक कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, बेरोजगार संघ से खजान सिंह राणा सहित पीसीएस मुख्य भर्ती परीक्षा अभ्यर्थी के सदस्य निधि गोस्वामी, शैलेश सती, दीपक बेलवाल, बृजमोहन जोशी, सतपाल सिंह एवं आलोक भट्ट मौजूद थे।
हमारा कोई भी डेलीगेशन मुख्यमंत्री से मिलने नहीं गया: उत्तराखंड बेरोजगार संघ
उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने साफ किया है कि उसका कोई भी डेलिगेशन सीएम से मिलने नहीं गया। सोशल मीडिया में बयान जारी कर संघ ने कहा कि अध्यक्ष बॉबी पंवार के नेतृत्व में ही डेलीगेशन मिलने जायेगा। संघ की एक टीम जमानत और दूसरी टीम शहीद स्मारक में डटी है। संघ ने तीखी टिप्पणी की -ह्यह्यहमारे साथी लाठी-डंडे खाकर सड़कों पर चोटिल होकर जेल में है और कुछ लोग बड़ी शिद्दत से दांत दिखा कर गुलदस्ता भेंट कर रहे हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बेरोजगारों के शिष्ट मंडल में कब से सरकारी नौकरी करने वाले प्रतिनिधित्व करने लगे हैं। क्या सरकार ने अपना खुद का डेलीगेशन बना दिया है । बेरोजगार संघ ने इस घटनाक्रम पर संदेह जताते हुए कहा कि अब यह भी संदेह पैदा हो गया है कि पथराव करने वाले सरकार के ही लोग थे और सरकार का ही पूरा षड्यंत्र था बेरोजगार युवाओं पर बर्बरता करने का और इस राज्य के माहौल को खराब करने में पूरी तरह सरकार का हाथ है इससे यह स्पष्ट हो रहा है।
जब सोशल मीडिया में निशाना साधा गया तो सीएम से मिलने वाले डेलिगेशन में शामिल खजान सिंह राणा ने सफाई दी कि वह उत्तराखंड बेरोजगार संघ की ओर से नहीं गए थे। उधर सोशल मीडिया पर विभिन्न आई पोस्टों में दावा किया गया है कि सीएम से मिलने वाले डेलिगेशन में एक पटवारी भी था। तो कुछ में दावा किया गया कि उसमें कोचिंग संचालक भी थे।