पटना । बिहार के मगध विश्वविद्यालय में कॉपी और ई-बुक की खरीददारी में कथित रूप से करोड़ों रुपयों के गबन मामले में अभियुक्त बनाए गए पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने निगरानी की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया।
निगरानी के विशेष न्यायाधीश मनीष द्विवेदी की अदालत में डॉ. प्रसाद ने एक याचिका दाखिल करते हुए आत्मसमर्पण किया गया था। अदालत ने डॉ. प्रसाद को न्यायिक हिरासत में लेते हुए 22 फरवरी 2023 तक के लिए जेल भेजे जाने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि निगरानी विभाग की विशेष आर्थिक अपराध इकाई ने 16 नवंबर 2021 को एसवीयू 2/21 के रूप में एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके आधार पर अदालत में विशेष वाद संख्या 48 /2021 दर्ज है।
जांच के क्रम में विशेष इकाई ने पाया कि मामले के अभियुक्तों ने एक आपराधिक षड्यंत्र कर अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए कॉपी एवं ई-बुक खरीद के नाम पर दो संस्थानों को करोड़ों रुपये का अवैध भुगतान कर सरकारी राशि का गबन किया था।
इस मामले में चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है जबकि पूर्व कुलपति डॉ. प्रसाद के खिलाफ अनुसंधान जारी है। अदालत ने डॉ. प्रसाद की उपस्थिति के लिए 02 जुलाई 2022 को उनके खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी किया था।