नैनीताल । भारत-नेपाल सीमा पर लगने वाला उत्तर भारत का प्रसिद्ध पूर्णागिरी मेला आगामी नौ मार्च से शुरू होगा और नौ जून तक चलेगा। तीन महीने संचालित होने वाले मेले को इस बार अधिक भव्य स्वरूप प्रदान किया जायेगा। मेले को भव्य स्वरूप देने के लिये जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। जिलाधिकारी नरेन्द्र भंडारी की अगुवाई में शनिवार को मेला कमेटी व प्रशासनिक अधिकारियों की एक बैठक मां पूर्णागिरी धाम में संपन्न हुई।
भंडारी ने बताया कि अनुमान है कि इस बार मेले में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे और जिला प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये सभी प्रकार की व्यवस्था में अभी से जुट गया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ ही वाहनों की पार्किंग व पेजयल व्यवस्था के साथ ही परिवहन व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बैठक में निर्णय लिया गया कि पूरे मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जायेगी। साथ ही पार्किंग व पुलिस कर्मियों की संख्या में इजाफा किया जायेगा।
पेयजल की आपूर्ति के लिये प्रशासन इस बार विशेष व्यवस्था कर रहा है और तय किया गया कि 36 पेजयल टैकों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जायेगी। अतिरिक्त पुलिस चैकियों के साथ ही पीआरडी जवानों की संख्या बढ़ाई जायेगी। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए जल जीवन मिशन के तहत नयी पेयजल लाइनों के निर्माण के निर्देश दिये गये हैं।
यह भी तय किया गया कि श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते उत्तराखंड परिवहन निगम टनकपुर से ठुलीगाड़ तक इस बार अतिरिक्त बसों का परिचालन करेगा। निजी बसों का संचालन बूम तक किया जा सकेगा। साथ ही बैठक में भैरव मंदिर में अस्थायी चिकित्सालय का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है।
जिसमें चिकित्सकों के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये प्राथमिक उपचार की सभी सुविधा मुहैया रहेंगी। जिलाधिकारी ने भैरव मंदिर में पर्यटन विभाग की भूमि पर पार्किंग व्यवस्था के लिये तत्काल टेंडर जारी करने और मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार के पक्का निर्माण नहीं करने की हिदायत दी है।