पुलिस भर्ती घोटाले 20 दारोगा निलंबित

जांच पूरी होने पर होगी सख्त कार्रवाई : एडीजी मुरूगेशन

  • यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले के बाद नकल माफिया से की गई पूछताछ के बाद प्राथमिक जांच में पाए गए दोषी

देहरादून। पुलिस दरोगा भर्ती परीक्षा 2015 में नकल कर पास होने के मामले में अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन ने 20  संदिग्ध दरोगाओं को तत्काल प्रभाव निलंबित कर दिया है। मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई जांच पूरी होने के बाद की जायेगी।

अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था डॉ. वी मुरूगेशन ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2१५ में हुई पुलिस दारोगा भर्ती परीक्षा के मामले में 7 साल बाद  कार्रवाई की गई है। प्राथमिक जांच में 20 संदिग्ध दरोगाओं को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं और  जिलों के पुलिस कप्तानों को निलंबन के निर्देश भेज दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि विजिलेंस की शुरुआती जांच रिपोर्ट  में 20 उप-निरीक्षकों के नाम सामने आए हैं, उन्होंने धोखाधड़ी और नकल से यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी। वर्ष 2१५ में 339 दरोगाओं की भर्ती हुई थी। यूकेएसएसएससी की भर्ती घपले की जांच के बाद गिरफ्तार नकल माफिया से एसटीएफ की पूछताछ में दारोगा भर्ती परीक्षा में नकल की बात उजागर हुई।

उन्होंने बताया कि दारोगा भर्ती की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी को दी गई थी। जांच के बाद इस मामले में यूनिवर्सिटी का एक रिटायर्ड अधिकारी भी गिरफ्तार किया गया था। इस भर्ती प्रकरण से हाकम सिंह रावत का नाम भी जुड़ा है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था ने बताया कि  संदिग दारोगा जांच पूरी होने तक निलंबित रहेंगे।

इस बारे में जनपदों के पुलिस अधिकारियों  को निर्देश दे दिए गए हैं। जिल दारोगाओं को निलंबित किया गया है उनमें उपनिरीक्षक दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह शाही, हरीश महर, लोकेश संतोषी सभी उधमसिंहनगर में तैनात, नीरज चौहान, आरती पोखरियाल,प्रेमा कोरगा, भावना बिष्ट सभी जनपद नैनीताल में तैनात, आमवीर, प्रवेश रावत,  राजनारायण व्यास, जैनेंद्र राणा, निखलेश बिष्ट सभी जनपद देहरादून में तैनात, पुष्पेंद्र जनपद पौड़ी में तैनात, गगन मैठाणी जनपद चमोली में तैनात, तेजकुमार जनपद चंपावत में तैनात, मोहित सिंह रौथाण पीसीएसडीआरएफ में तैनात हैं।

पुलिस मुख्यालय की तरफ से की गई इस कार्रवाई से पुलिस महकमें में हडक़ंप मचा है।  इस संबंध में पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच जारी है और जांच रिपोर्ट जो भी दोषी पाया जायेगा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।

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