एनआरएससी से हटवाईं जोशीमठ भूधंसाव की सैटेलाइट तस्वीरें

तस्वीरों से पैदा हो रहा है राज्य में भय का माहौल

  • जोशीमठ में 12 दिन में ही 5.4 सेंटीमीटर के धंसाव की जानकारी दी थी

देहरादून। क्या सरकार वैज्ञानिक तथ्यों से डरने लगी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर(एनआरएससी) से जोशीमठ भू-धंसाव की सैटेलाइट तस्वीरें हटा दी है। इसरो के निदेशक से इस मामले को लेकर आग्रह किया गया था इन तस्वीरों से राज्य में भय का माहौल पैदा हो रहा है। जिसके बाद एनआरएससी से तस्वीरें वेबसाइट से हटवा दी गई। सेटेलाइट चित्रों में दर्शाई गई जमीन धंसने की ताजा स्थिति चमोली के जोशीमठ में भूधंसाव को लेकर निरंतर चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है।
कुछ दिन पहले वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान ने सेटेलाइट अध्ययन में बताया था कि यहां जमीन खिसकने धंसने की सालाना दर करीब 85 मिलीमीटर है। इसके बाद इसरो के देहरादून स्थित भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आइआइआरएस) ने भूधंसाव की सालाना दर 65 से 87 मिलीमीटर बताई थी। अब इसरो के हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) ने सेटेलाइट चित्र जारी कर जोशीमठ क्षेत्र में 12 दिन में ही 5.4 सेंटीमीटर (54 मिलीमीटर) के धंसाव की चौकाने वाली जानकारी दी थी। इसमें बताया गया था कि जोशीमठ का कुछ हिस्सा नहीं बल्कि पूरा क्षेत्र ही धंस रहा है।

बीच के हिस्से में ज्यादा धंसाव है। हालांकि प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि जोशीमठ का 25 फीसद क्षेत्र ही प्रभावित है। जबकि स्थानीय लोग वीडियो जारी दावा कर रहे हैं है कि जोशीमठ में रोजाना नए क्षेत्रों में दरारें आ रही हैं और जहां दरारें हैं वे और चौड़ी हो रही हैं।
नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने दो अंतराल के सेटेलाइट चित्र जारी किए थे। इनमें अप्रैल से नवंबर 2२2 के मध्य किए गए सेटेलाइट अध्ययन में कहा गया कि सात माह में जोशीमठ की जमीन में 8.9 सेंटीमीटर (89 मिलीमीटर) का धंसाव पाया गया।इसके बाद 27 दिसंबर 222 से आठ जनवरी 2023 के बीच 12 दिन के सेटेलाइट चित्रों के जरिए बताया गया कि इस अंतराल में 5.4 सेंटीमीटर भूधंसाव हो गया।

ही धंसाव का ऊपरी क्षेत्र जोशीमठ-औली रोड पर 2180 मीटर की ऊंचाई पर दर्शाया गया है। भूधंसाव के सेटेलाइट चित्रों में आर्मी हेलीपैड और नरसिंह मंदिर के भूक्षेत्रों को प्रमुखता से दर्शाया गया । यह भूभाग जोशीमठ शहर के मध्य क्षेत्र में ही स्थित हैं। इस चित्रों में भूधंसाव की गति से अनुमान लगाया जा रहा है कि जोशीमठ में भू धसाव की दर 5.4 सेंटीमीटर ही रही तो आने वाले 2 साल में क्षेत्र का नक्शा ही बदल सकता है। क्योंकि, यदि इसी दर को आधार मानें तो माहभर में ही 135 मिलीमीटर का धंसाव होगा। सालभर में यह आंकड़ा 1620 मिलीमीटर होगा और 20 साल में 32 हजार 400 मिलीमीटर यानी 3240 सेंटीमीटर होगा। मीटर में यह आंकड़ा 32.4 मीटर पहुंच जाएगा।

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