किच्छा। उत्तरायणी के अवसर पर विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों का पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने शुभारंभ किया। उत्तराखंड पूर्वांचल महासभा रुद्रपुर द्वारा जेसीस पब्लिक स्कूल में आयोजित खिचड़ी महोत्सव का शुभारंभ जिलाधिकारी युगल किशोर पंत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टी सी, पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल व मेयर रामपाल सिंह के साथ दीप प्रज्जवलित कर किया।
उत्तरांचल सांस्कृतिक समिति किच्छा द्वारा पुरानी नगर पालिका परिसर में आयोजित उत्तरायणी पर्व एवं शांतिपुरी नम्बर दो में आयोजित दो दिवसीय उत्तरायणी महोत्सव के समापन कार्यक्रम का शुभारंभ समिति अध्यक्ष इंदर मेहता, भाजपा जिला मंत्री दिग्विजय खाती, विशिष्ट अतिथि विपिन जल्होत्रा के साथ किया एवं विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित किया।
पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय पर्व, त्योहारों का संबंध नक्षत्रों, राशियों के अलावा ऋतु परिवर्तन, परंपराओं और लोक संस्कृति से भी है हमारे आध्यात्मिक, पौराणिक ग्रंथों में इनका विस्तार से वर्णन किया गया है, दान पुण्य और धर्म के कार्यों का भी इन पर्व , त्योहारों के साथ गहरा संबंध रहा है। मकर संक्रांति भी इस पर्व, परंपरा का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
मकर संक्रांति जहां संस्कृति, समाज और ज्योतिष से जुड़ा पर्व है वही यह विज्ञान और सूर्य से भी उतना ही जुड़ा हुआ है। इससे जुड़े तमाम तथ्य कथ्य सदियों से प्रचलित रहे है। यह पर्व परिवर्तन के एक प्रमुख पड़ाव के रूप में भी प्रतिष्ठित है।
मकर संक्रांति के साथ सूर्य का संदर्भ बहुत मजबूती से जुड़ा है, शास्त्रों में सूर्य के तेज, ओज और प्रकाश को लेकर अनेक प्रतिबिंब खींचे गए हैं, अथर्ववेद में कहा गया है जैसे सूर्य प्रकाशमान है, तेज से भरा हुआ है, उसी प्रकार भगवान भास्कर मुझे भी तेज प्रदान करें, एक दूसरे बिंब के अनुसार महाराज सूर्य दक्षिण दिशा को जीतकर, वहां विद्यमान अंधकार और शीत जैसे शत्रुओं का दमन कर अब अपने महान देश भारत को प्रस्थान कर रहे हैं। भारत में उनके इस तेजस्वी रूप की हर जगह जय जयकार हो रही है, इस महान पर्व पर प्रत्येक व्यक्ति को सूर्य की तरह अपने जीवन को भी आगे बढ़ाना चाहिए, तब उसकी भी वैसे ही जय जयकार होती है जैसे सूर्य की।
जिस प्रकार सूर्य नारायण अंधकार एवं शीत से पार पाकर संसार को ठिठुरन और तमस से मुक्त करते हैं, वैसे ही हमें भी अपने अंतरआत्मा रूपी सूर्य से तमस, विकार और विषयों को दूर करके जीवन को प्रकाश से भर देना चाहिए। मकर संक्रांति का वास्तव में यही संदेश है। इसे आत्मसात करते हुए प्रकृति में आ रहे परिवर्तन से तादात्मय में स्थापित कर हम अपने जीवन को सार्थक बनाने में सफल हो सकते हैं।
कार्यक्रम आयोजकों द्वारा पूर्व विधायक राजेश शुक्ला को कॉल उड़ाकर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने उपस्थित समस्त जनमानस को उत्तरायणी पर्व एवं मकर संक्रांति व खिचड़ी की बधाई दी।