नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर लक्सर के पास अतिक्रमण के मामले में ग्रामीण विकास के सचिव को उच्च न्यायालय के पिछले आदेश का अनुपालन करने के निर्देश दिये हैं और अनुपालन रिपोर्ट तीन मार्च तक अदालत में पेश करने को कहा है।
मामले को लक्सर निवासी इसरान अली की ओर से चुनौती दी गयी और इस प्रकरण की सुनवाई आज मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि हरिद्वार-दिल्ली राजमार्ग पर लक्सर के पास प्राइवेट पार्टी मुबारक अली की ओर से अतिक्रमण कर धर्मकांटा का निर्माण किया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि 2016 में दायर जनहित याचिका के जवाब में हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण की पुष्टि कर धर्मकांटा को हटाने का आश्वासन अदालत को दिया गया था।
इसके साथ ही अदालत ने याचिका को निस्तारित कर दिया था, लेकिन आरोप लगाया गया कि जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण को पूरी तरह से नहीं हटाया गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वीरेन्द्र सिंह अधिकारी ने बताया कि मामले को सुनने के बाद अदालत ने सचिव ग्रामीण विकास विभाग को पुराने आदेश का अनुपालन करने और क्रियान्वयन रिपोर्ट अदालत में पेश करने के निर्देश दिये हैं।