देहरादून। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा द्वारा जैविक व प्राकृतिक खेती पर एक संवाद का आयोजन किया गया।उक्त समारोह में डाॅ अशोक कुमार यादव, सलाहकार, मिशन आर्गेनिक वैलयू चेन डेवलप में टफाॅरनाॅर्थ ईस्टरीजन, (MOVCDNER), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार मुख्य अतिथि के रूप मेंउ पस्थित थे।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्थान के निदेशक डा. लक्ष्मी कान्त ने मुख्य अतिथि का स्वागत तथा अभिनन्दन किया।निदेशक ने संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न फसलों की प्रजातियों के विषय में मुुख्य अतिथिम होदय को अवगत कराया तथा संस्थान में जैविक खेती तथा जैविक पोषक तत्व प्रबन्ध से जुड़े लम्बी अपधि के प्रयोगों के विषय में जानकारी दी।इस के उपरान्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथिम होदय ने जैविक खेती में सम्भावना और चुनौतियाँ विषय पर व्यापक जानकारी साझा की।उन्होंने जोरदिया कि जैविक खेती विविधिकरण हेतु एक उपयोगी अवयव है तथा यह पारम्परिक रासायनिक खेती का विकल्प नहीें है।उनके द्वारा बताया गया कि आज जनमानस में जैविकउत्पादों को लेकर बड़ी लोक प्रियता है और रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों के कारण जैविक तथा प्राकृतिक खेती कृषि की नई विद्या बन कर सामने आर ही है।उन्होंने कहा की प्राकृतिक और जैविक दोनों ही रसायन मुक्त तथा पारिस्थितिक कृषि की विधाएँ हैं।
दोनों प्रणालियाँ किसानों को पौधों पर और सभी कृषि पद्धतियों में किसी भी रासायनिक उर्वरक, कीटनाश कों के उपयोग से हतोत्साहित करती हैं।इसके अतिरिक्त डॉ यादव ने जैविक उत्पादों के प्रमाणन से जुडी जानकारी को भी सभा से साझा किया।कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ अमितकुमार ने जैविक और प्राकृतिक खेती पर जैविक खेती पर नेटवर्क परियोजना के अंतर्गत संस्थान द्वारा किये गए प्रयोगों के परिणामों की विषय में जानकारी दी ।
इसी क्रम में जैविक तथा वानस्पतिक कीटनाश को के प्रयोग द्वारा तोरिया तथा सोयाबीन फसलों ने कीट प्रबंधन की जानकारी संस्थान के वैज्ञानिक डॉ अमित उमेश पश्चापुर ने दी।जैविक खेती कर नेटवर्क परियोजना के अंतर्गत किये गए विभिन्नप्र योगोंका प्रक्षेत्र भ्रमण भी मुख्य अतिथिम होदय को करवाया गया। प्रक्षेत्र भ्रमण मेंसंस्थान के वैज्ञानिक डॉ श्याम नाथ ने मशीनरी कार्यशाला और डॉ आर पीमीणा ने दीर्घ कालिक उर्वरक प्रयोग का भ्रमण मुख्य अतिथि महोदय को करवाया।कार्यक्रम का सुचारु संचालन और समन्वयन संस्थान के वैज्ञानिक तथा जैविक खेती पर नेटवर्क परियोजना अल्मोड़ा केंद्र के मुख्य अन्वेषक डॉ अमितकुमार ने किया।