- प्रदेश की सभी मस्जिदों में होगी जोशीमठ के लिये दुआएं
देहरादून। उत्तराखण्ड के सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ नगर में घरों और व्यावसायिक भवनों में दरारें आने से करीब 603 आशियानों पर खतरा मंडरा रहा है। जिसको लेकर जमीअत उलेमा हिन्द उत्तराखण्ड भी बहुत चिंतिति है ओर प्रभावितों की मदद के लिये सरकार के साथ मिल कर सहयोग करने को तत्पर है।
जमीयत उलेमा हिन्द उत्तराखण्ड ने जोशीमठ नगर को बचाने ओर वहां के प्रभावित परिवारों को विस्थापित करने के लिये माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी व उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी को पत्र लिखा है।
जमीअत के प्रवक्ता मौहम्मद शाहनज़र ने बताया कि जमीयत उलेमा हिन्द उत्तराखण्ड के प्रदेश महासचिव मौलाना शराफत कासमी की ओर से माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में कहा गया है कि उत्तराखंड का पौराणिक और ऐतिहासिक जोशीमठ शहर आज खतरे में है।
जोशीमठ एक शहर ही नही है, यह शहर अपने अंदर एक विरासत को समेटे हुए है। कहा जाता है कि यह वही जगह है, जहां आदि गुरु शंकराचार्य ने तप किया था। इस ऐतिहासिक शहर के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य ने ही जोशीमठ को धार्मिक पहचान दी थी। वर्तमान में स्थिति ये हो गई है कि आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली भी इस दरार की भेंट चढ़ चुकी है।
समस्या की मूल जड़ में जाकर यह देखना बेहद जरूरी है कि आखिरकार ये सब क्यों हो रहा है? इसे किस तरह से रोका जा सकता है। इस समस्या का अगर समाधान खोजा गया होता तो शायद आज बहुत कुछ बचाया जा सकता था, सरकार को अब बेहद जल्द काम शुरू करना होगा।
जमीयत उलेमा हिन्द उत्तराखण्ड आप से मांग करती है कि जोशीमठ के प्रभावित परिवारों की मदद को केंद्र व राज्य सरकार आगे आये। जोशीमठ के सभी प्रभावित परिवारों को दूसरें स्थानों पर बसाने के लिये विषेश राहत पैकज जारी किया जाये।
प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिये तत्काल कोई वेकल्पिक व्यवस्था की जाये। वहीं, जमीअत ने प्रदेश भर की मस्जिदों के इमामों ओर मदरसा प्रबंधको से भी आग्रह किया है कि वह संकट की इस घड़ी में जोशीमठ के बचाव के लिये अपने यहां विषेश दुआएं कराएं।