वाहवाही लूटने से अच्छा विस अध्यक्ष सभी पर कार्यवाही करें : प्रीतम सिंह
बर्खास्त कार्मिकों का क्या कसूर, अवैधानिक नियुक्ति करने वालों पर भी कार्यवाही हो
अनशन पर बैठे बर्खास्त कार्मिकों के संघर्ष को पूरा समर्थन दिया प्रीतम सिंह ने
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कार्मिकों का शुक्रवार को अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन 19 वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह ने धरना स्थल पर पहुंच कर बर्खास्त कार्मिकों को पूरा साथ देने की बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में भर्ती मामले में अनियमितताएं राज्य गठन से ही हुई है इसलिए कार्यवाही भी समान रूप से होनी चाहिए।
धरना स्थल पर पहुंच कर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने 19 दिन से सड़क पर बैठे बर्खास्त कार्मिकों के संघर्ष को पूरा समर्थन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोटिया कमेटी की रिपोर्ट में साफ लिखा है कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं राज्य गठन से हुई है तो विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कार्यवाही केवल 2016 के बाद ही क्यों की गई? उन्होंने कहा कि अनियमित प्रक्रिया से विधानसभा में भर्ती हुए कर्मचारी यदि स्थाई हो भी चुके हैं तो भी वे सब अनियमित ही कहे जाएंगे, उन्हें स्थाई होने के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष संरक्षण नहीं दे सकती हैं।
प्रीतम सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा है कि नियुक्ति प्रक्रिया में कर्मचारियों का क्या कसूर है, जिन्होंने नौकरी दी उनके बारे में अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई? उन्होंने कहा कि मनमर्जी से काम नहीं हो सकता है सभी को एक तराजू में ही तोला जाना चाहिए।
चकराता से विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि बर्खास्त कार्मिकों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आने पर सरकार एवं विधानसभा अध्यक्ष दोनों के द्वारा अपनी अपनी पीठ थपथपाई गई लेकिन आधे अधूरे निर्णय पर वाहवाही लूटना ठीक नहीं।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समान रूप से सामान कार्यवाही करने का काम कर आधे अधूरे निर्णय को पूरा करें। जिन्होंने अवैधानिक काम किया है उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। इस दौरान कार्मिकों ने प्रीतम सिंह से अनुरोध किया कि वे विधानसभा अध्यक्ष से वार्ता कर बर्खास्त कार्मिकों के एक शिष्टमंडल से मुलाकात करने को कहें।
इस अवसर पर कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, कांग्रेस प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शाह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जगदीश सिंह धोनी, कविता फर्त्याल, दीप्ति पांडे, भगवती साहनी, राहुल शर्मा, मुकेश पंत, कपिल धोनी, अजीत मेहता, मनीष, प्रदीप भंडारी, गिरीश सिंह, हेमंत जोशी, नीरज बगड़वाल, अक्षत शर्मा, शिवराज नगरकोटी, शिवचरण डबराल सहित अन्य कार्मिक मौजूद रहे।