नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नामित पार्षदों को वोट करने का अधिकार देना चाहती है ताकि मनमानी तरीके से अपना महापौर बना सके। राज्य सभा सांसद संजय सिंह, विधायक सौरभ भारद्वाज और राज्य सभा सदस्य सुशील गुप्ता ने एक इस मामले में यहां सिविक सेंटर में संवाददाता सम्मेलन किया।
इस दौरान सिंह ने कहा क निगम में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टेडिंग कमेटी के सदस्यों का आज चुनाव है। चुनाव से पहले भाजपा जिसे दिल्ली की जनता ने पूरी तरह नकार दिया है। भाजपा के खिलाफ दिल्ली की जनता ने जनादेश दिया और 15 साल के उनके कुशासन को खारिज किया।
वह भाजपा खूनी खेल सदन में कर रही है। आप के पार्षद प्रवीण कुमार पर सदन के अंदर जानलेवा हमला किया गया। भाजपा के सात सासंद और पार्षदों की मौजूदगी में हमला कर लहूलुहान कर दिया गया। इनके कपड़े फाड़ दिए गए।
इनकी मांग केवल यह थी कि हमेशा से चली आ रही निगम की परंपरा के तहत चुनकर आने वाले पार्षदों को पहल शपथ दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि निगम के नामित सदस्य को न तो मेयर के चुनाव में मत देने का अधिकार है और न ही डिप्टी मेयर और स्टेंिडग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में मत देने का अधिकार है।
इस पूरे गंदे खेल में कांग्रेस का हाथ भाजपा के साथ है। यहां कांग्रेस के जितने भी नौ पार्षद चुनकर आए हैं। सभी भाजपा की मदद में लग गए हैं। इसका प्रमाण यह है कि कांग्रेस की नेता सदन नाजिया दानिश को हज कमेटी चेयरमैन बनाने का प्रस्ताव भाजपा के कहने पर उपराज्यपाल ने आज ही पास कर दिया है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नामित पार्षद कभी भी सदन के अंदर वोट नहीं डालते हैं। मेयर के चुनाव से लेकर डिप्टी मेयर के चुनाव हों या हाउस से जाने वाले स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य हों, इसके अंदर नामित पार्षद के वोट प्रतिबंधित है। अब बेईमानी करके भारतीय जनता पार्टी एमसीडी पर कब्जा करना चाहती है।
हम यह बेईमानी नहीं होने देंगे। इस वक्त भाजपा और उपराज्यपाल बेइमानी पर उतर आए है। पूरी दिल्ली इनकी बेईमानी देख रही है। आप, भाजपा से लोहा लेना जानती है। इनकी ही भाषा में इनका जवाब देना जानते है। राज्य सभा के सदस्य सुशील गुप्ता ने कहा कि इस देश के अंदर लोकतंत्र की रक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं। यह देश संविधान के हिसाब से चलता है।
निगम का कानून है सेक्शन-3 ए (1) के तहत नामित पार्षद वोट नहीं डाल सकते है। इस सदन की परंपरा रही है कि हमेशा जनता द्वारा चुने हुए लोगों को पहले शपथ दिलाई जाती है।
उसके बाद चुनी हुई सरकार की सलाह से पार्षद नामित होते है और वो नामित पार्षद सदन की कार्रवाई में हिस्सा ले सकते हैं और वोट नहीं कर सकते। परंतु आज इन सारी परंपराओं को तोड़कर, सारे कानूनों को दरकिनार रखकर, भाजपा बेइमानी से इस मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में धांधली करना चाहती है।