नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड में हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन पर दशकों पुराने कथित ‘अतिक्रमण’ हटाने के नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश पर ‘मानवीय आधार’ पर रोक लगाकर गुरुवार को 4000 से अधिक परिवारों को अंतरिम राहत दी।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ ने संबंधित झुग्गीवासियों की ओर से ‘जन सहयोग सेवा समिति’ के अध्यक्ष सलीम सैफी और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस मामले में एक मानवीय दृष्टिकोण अपनाए जाने की जरूरत है। संबंधित लोगों को रातों-रात नहीं उजाड़ा जा सकता है, बल्कि एक पुनर्वास योजना को लागू करने की जरूरत है। साथ ही, इस बात पर भी स्पष्टता होनी चाहिए कि संबंधित जमीन का पट्टा किसके पास है।