नयी दिल्ली। भाजपा में पिछले कई सालो से हाशिए पर चल रहे पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। सूत्र दावा कर रहे है कि सांसद वरुण गांधी कांग्रेस का हाथ थाम सकते है।कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंची है। इस यात्रा में वरुण गांधी की सामील होने की संभावना भी जतायी जा राही है। गांधी को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है।
भाजपा में हाशिए पर बैठे वरुण गांधी अपना भविष्य सुरक्षित रखना चाहते हैं। भाजपा आलाकमान भी वरुण गांधी से खफा रहता है। पीलीभीत से उनके टिकट पर भी खतरा है। फिलहाल कांग्रेस से इस पूरे मामले को प्रियंका गांधी पर छोड़ दिया है। वरुण गांधी को पार्टी में लाना है, पर कैसे लाना है।
इस तमाम मसलों पर अब प्रियंका गांधी ही फैसला करेंगे। सूत्र हमेशा से दावा करते रहे हैं कि वरुण गांधी और प्रियंका गांधी के बीच बातचीत होती है। दोनों रिश्ते में चचेरे भाई-बहन हैं। ऐसे में यह बातचीत पारिवारिक स्तर पर होती है। लेकिन अब इसमें सियासी एंगल भी आ गया है।
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने दिया संकेत
बीते दिनों वरुण गांधी ने संकेत देते हुए कहा था, इस देश को जोड़ने की राजनीतिक होनी चाहिए, तोड़ने की नहीं। भाई को भाई से टकराने की राजनीति नहीं होनी चाहिए। लोगों को हिंदू मुसलमान की राजनीति नहीं चाहिए। बेरोजगारी पर बात होनी चाहिए।भूखमरी पर बात होनी चाहिए। इसके अलावा बेरोजगारी पर बात होनी चाहिए। ये तमाम बाते उस वक्त कही हैं जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हुए थे।