मंगलौर। भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज ऋषभ पंत की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दिल्ली से रुडक़ी जाते समय गुरुकुल नारसन के पास उनकी कार डिवाइडर से टकराने के बाद दूर जाकर पलट गई। भयानक हादसे के बाद कार में आग लग गई। गनीमत रही कि हादसे में पंत की जान बच गई। कार खुद पंत चला रहे थे और वह अकेले ही परिवार के साथ न्यू ईयर मनाने के लिए जा रहे थे।
दुर्घटना के बाद सबसे पहले सुशील पहुंचे
दुर्घटना के बाद सबसे पहले पंत के पास हरियाणा रोडवेज के बस ड्राइवर सुशील कुमार पहुंचे। सुशील ने ही 112 पर कॉल करके पुलिस को सूचना दी। एक टीवी चैनल से बात करते हुए सुशील ने बताया कि उन्होंने बस के कंडक्टर की मदद से पंत को कार से बाहर निकाला।
जब ऋषभ पंत को कार से बाहर निकाला गया तो चिंगारी उठने लगी थी और कुछ ही मिनटों के भीतर यह आग के गोले में तब्दील हो गई। हरियाणा रोडवेज के चालक ने यह भी बताया कि उन्हें मालूम नहीं था कि दुर्घटनाग्रस्त कार में कौन व्यक्ति सवार था वह यह प्रयास कर रहा था कि कहीं कार में कोई और व्यक्ति को नहीं क्योंकि कार बहुत तेजी के साथ आग का गोला बनती जा रही थी लेकिन ऋषभ पंत को इतनी होश थी कि उन्होंने बताया कि कार में वह अकेले ही यात्रा कर रहे थे उनके साथ कोई नहीं था। जिसके बाद बस चालक द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी गई।
अवैध रूप से बनाए गए हाईवे पर बन रहे दुर्घटना का कारण
जिस स्थान पर भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज ऋषभ पंत की कार दुर्घटनाग्रस्त होकर आग का गोला बनी है उस स्थान पर पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी है वर्ष भर में करीब एक दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं इसी स्थान पर हुई है हाईवे पर अवैध रूप से बनाए गए कट लोगों के लिए खतरा तथा दुर्घटनाओं का कारण साबित हो रहे हैं।
हाईवे पर विभिन्न स्थानों पर अपनी सुविधा के लिए ग्रामीणों द्वारा अवैध रूप से कट बनाए गए हैं ताकि वह आसानी से आवागमन कर सके लेकिन यह आम लोगों के साथ-साथ वाहन चालकों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहे हैं जिस स्थान पर क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार दुर्घटनाग्रस्त होकर आग का गोला बनी है वहां पर इससे पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
वर्ष भर में लगभग दर्जन भर से अधिक दुर्घटनाएं इसी स्थान पर हुई है यहां से एक रास्ता मोहम्मदपुर पावर हाउस को जाता है कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से कट बनाए गए हैं जहां से लोग आवागमन करते हैं। हालांकि क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार किन कारणों से दुर्घटनाग्रस्त हुई है इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है पुलिस का कहना है कि वह मामले की जांच कर रही है साथ ही आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने का प्रयास हो रहा है ताकि दुर्घटना के कारणों का पता चल सके।
कब और क्या हुआ
सुबह 5.27 बजे नारसन पुलिस चौकी के समीप क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार हादसे की शिकार हुई।
हादसे की सूचना के बाद सुबह 5:35 बजे पर नारसन पुलिस चौकी से पुलिस मौके पर पहुंची।
सुबह 5:45 बजे 108 एंबुलेंस ने घायल ऋषभ पंत को घटनास्थल से उठाया।
सुबह 5:50 पर पुलिस को घायल के ऋषभ पंत के होने की जानकारी मिली।
घायल ऋषभ पंत को 108 एंबुलेंस से सुबह 6 बजे रुडक़ी के सक्षम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
सुबह 6:1५ पर फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर कार में लगी आग पर काबू पाया।
सुबह 6:20 पर चिकित्सकों ने ऋषभ पंत का एक्स-रे कराया गया।
सुबह 6:30 बजे हादसे की सूचना पर एसपी देहात अस्पताल में पहुंचे।
सुबह 6:30 बजे ऋषभ पंत को प्राथमिक उपचार शुरू हुआ।
सुबह 6:32 ऋषभ पंत की मां सरोज पंत अस्पताल में पहुंचीं।
सुबह 8:20 ऋषभ पंत को रुडक़ी से देहरादून के मैक्स अस्पताल रेफर किया गया।
मां को सरप्राइज देने के लिए बिना बताए ही आ रहे थे ऋषभ
क्रिकेटर ऋषभ पंत मां को सरप्राइज देने के लिए बिना बताए ही रुडक़ी आ रहे थे। वह नए साल पर अगले तीन दिन उत्तराखंड में ही बिताने के प्लान के अनुसार आ रहे थे कि अचानक हादसा हो गया। बेटे का एक्सीडेंट होने की सूचना पाकर ऋषभ पंत की मां सरोज पंत बदहवास हालत में सक्षम हॉस्पिटल में पहुंचीं। यहां पर रोते हुए मां ने कहा कि वह तीन दिन से बेटे से बात कर रही थी और उसे घर आने के लिए कह रही थीं। हादसे के बाद क्रिकेटर ऋषभ पंत ने मां को बताया कि वह तो उन्हें सरप्राइस देने के लिए बिना बताए दिल्ली से रुडक़ी आ रहे थे। इसी के चलते वह सुबह ही दिल्ली से चल दिए थे, ताकि घर पहुंच कर अचानक मां को सरप्राइज दें। लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था। वह नए साल तक उत्तराखंड की वादियों में ही घूमने का प्लान बना कर आए थे।