नई दिल्ली। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग के अनुसार ही तैयार किए जाते हैं। राज्यमंत्री ने यह बात बता लोकसभा में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के सवालों का जवाब देते हुए कही।
उन्होंने सदन को बताया कि विगत कुछ वर्षों के दौरान भारत सरकार ने कोशल विकास और विशाल नेटवर्क बनाने पर ज्यादा जोर दिया है। साथ ही, भारी संख्या में युवाओं को कौशल प्रदान किया गया है।
कांग्रेस सदस्य जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके।
इस पर, राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं।
इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।’’
राजीव चंद्रशेखर इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री भी हैं। उन्होंने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।