कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में 1,000 से अधिक मुद्दों पर चर्चा की गई और उनमें से 93 प्रतिशत का समाधान किया गया जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
शाह ने यहां यहां 25वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह खुलासा किया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि 2006 से 2013 तक के आठ वर्षों में क्षेत्रीय परिषदों की कुल छह बैठकें आयोजित की गईं (प्रति वर्ष एक से कम बैठक का औसत), लेकिन 2014 के बाद से 8 वर्षों में कोरोना महामारी के बावजूद कुल 23 बैठकें (आज की बैठक सहित) हुई हैं जो प्रति वर्ष औसतन तीन बैठकें रहीं।
बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा ओडिशा के मंत्री एंव परिषद के तहत गृह मंत्रालय और राज्यों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। श्री शाह ने कहा कि जोनल काउंसिल की बैठकों की आवृत्ति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और इसके परिणाम दिखाई दे रहे हैं, जो सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों तथा विभागों के सहयोग से संभव हो पाया है।
इसमें अंतर-राज्यीय परिषद सचिवालय भी शामिल है जो सक्रिय भूमिका निभा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले वर्षों में पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में आधारभूत संरचना विकास की दिशा में काफी काम किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के विजन में पूर्वी क्षेत्र के राज्यों की बड़ी हिस्सेदारी है, क्योंकि श्री मोदी ने हमेशा इस क्षेत्र के विकास पर जोर दिया है। श्री शाह ने कहा कि अगले 25 वर्षों में आजादी का अमृत काल में देश का पूर्वी क्षेत्र भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा,‘‘25वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक अच्छे और सकारात्मक माहौल में हुई, कई मुद्दों पर सहमति बनी, वहीं लंबित मुद्दों को भी विचार-विमर्श के जरिए सुलझाया जाएगा।केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के पूर्वी क्षेत्र से वामपंथी उग्रवाद का लगभग सफाया हो चुका है और वामपंथी उग्रवाद पर इस निर्णायक प्रभुत्व को बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रयासों को जारी रखा जाना चाहिए क्योंकि वामपंथी उग्रवाद मुक्त राज्यों में उग्रवाद फिर से उभरना नहीं चाहिए और इन राज्यों को देश के अन्य हिस्सों के बराबर विकसित होना चाहिए।
शाह ने मुख्यमंत्री से एनसीओआरडी तंत्र का जिला स्तरीय ढांचा तैयार करने और नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए इसकी नियमित बैठकें सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि देश में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई अब एक महत्वपूर्ण चरण में है और ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ की मदद से ड्रग्स के खिलाफ अभियान को तेज करने की जरूरत है।