- इस्लामिक शिक्षा और सभ्यता को आत्मसात करना होगा: काजी
देहरादून। जमीयत उलेमा हिंद उत्तराखंड की देहरादून इकाई जिले भर में समाज सुधार के कार्यक्रम चलाएगी, साथ ही स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं में फैल रही नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इस्लामिक शिक्षा और सभ्यता के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। गुरुवार को सना मस्जिद आजाद कॉलोनी में जमीयत के प्रदेश उपाध्यक्ष व देहरादून के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिए गए।
बैठक में कुल 21 प्रस्ताव सामने आए थे जिनमें से कुछ पर तत्काल प्रभाव से काम करने का फैसला लिया गया है। समाज में बढ़ रही बुराइयों जैसे नशाखोरी, दहेज प्रथा आदि की रोकथाम के लिए हर मुहल्ले में एक सुधार कमेटी बनाने और हर मोहल्ले में आम जनमानस को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सभी उपस्थित उलेमाओं ने एक स्वर में कहा कि इस्लामिक शिक्षा, सभ्यता और संस्कारों को अपनाकर ही हम बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।
इस्लामिक शिक्षाओं को आत्मसात करने से बहुत सारी बुराइयां खुद ही समाप्त हो जाएंगे। यह भी कहा गया कि स्कूलों और कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों और महिलाओं तक इस्लामिक शिक्षा पहुंचाने के लिए व्यापक स्तर पर काम करने की जरूरत है।
एक बात यह भी सामने आई के स्कूल और कॉलेजों में जाने वाले छात्रों में नशा करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है उसकी रोकथाम के लिए भी काम किया जाएगा। इसके अलावा मस्जिदों में संचालित शिक्षा केन्द्रों को मजबूत किया जाएगा।
इस मौके पर शहर काजी के अलावा दारुल कजा के काजी मुफ्ती सलीम अहमद कासमी, मुफ्ती अयाज अहमद कासमी, मुफ्ती वासिल कासमी, मौलाना इफ्तिखार अहमद कासमी, मौलाना अब्दुल मन्नान, मौलाना रिहान गनी, मुफ्ती राशिद कासमी, मोहम्मद शाह नज़र, मुफ्ती नाजिम, मास्टर अब्दुल सत्तार, कारी आबिद, खुर्शीद अहमद, कारी अब्दुल समद, मौलाना रागिब, मौलाना मेहताब, मौलाना आमिर, कारी शाहवेज, मौलाना अमानतुल्लाह, मौलाना हाशिम उमर, इरशाद अली, तौसीफ खान, मौलाना असद, मुफ्ती ताहिर कासमी सहित करीब 60 मस्जिदों के इमाम इस मीटिंग में शरीक रहे।