नैनीताल । भारत और नेपाल सीमा पर तनाव के बीच बुधवार को पहली बार भारत-नेपाल समन्वय समिति की बैठक आहूत की गयी है। माना जा रहा है कि भारत की ओर से नेपाल के समक्ष जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा जायेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जायेगी।
मिली जानकारी के अनुसार सीमांत पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला में स्थानीय जिला प्रशासन की ओर से भारतीय क्षेत्र में इन दिनों काली नदी पर तटबंध का निर्माण कार्य किया जा रहा है। विगत चार नवम्बर को जब तटबंध का निर्माण कार्य किया जा रहा था तो नेपाल के कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया।
पथराव की घटना में जेसीबी मशीन चालक घायल हो गया। इस हरकत के बाद धारचूला के लोगों में तनाव फैल गया। यही नहीं इस घटना के बाद नेपाली लोग धारचूला से सटे पुल के पार नेपाल में एकत्र हो गये।
इस दौरान कुछ देर के लिये पुल पर दोनों देशों के बीच आवाजाही बाधित हो गयी। इसी बीच नेपाली पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें कुछ भारतीय भी घायल हो गये। इस घटना ने आग में घी का काम किया और धारचूला के व्यापारी आगे आ गये।
धारचूला व्यापार मंडल के अध्यक्ष भूपेन्द्र थापा की अगुवाई में सोमवार को भारतीय व्यापारियों ने धारचूला पुल को कुछ देर के लिये बंद कर दिया। व्यापारियों ने लाठीचार्ज की घटना का विरोध करते हुए तीन दिन के अदंर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की।
व्यापारियों ने इस घटना के विरोध में धारचूला के उपजिलाधिकारी दिवेश शशानी को इस घटना के विरोध में ज्ञापन भी सौंपा है और तीन दिन की मोहलत दी है। व्यापारियों ने धारचूला पुल बंद करने की चेतावनी दी है। इसी को देखते हुए पिथौरागढ़ प्रशासन हरकत में आया और बुधवार को भारत-नेपाल समन्वय समिति की बैठक आहूत की गयी।
बैठक में नेपाल के दारचूला के अधिकारी प्रतिभाग करेंगे। बैठक धारचूला के लोक निर्माण विश्राम गृह में कल 12 बजे से आयोजित होगी। माना जा रहा है कि भारतीय अधिकारियोें की ओर सीमा पर बार बार होने वाली घटनाओं के मामले को नेपाल के समक्ष जोरदार तरीके से उठाया जायेगा।