बाकू। युद्धपीड़ित यूक्रेन और ईरान की बीच का यह देश कई तरीके से श्रेष्ठ पर्यटन केंद्र है। अब जाकर इस बात की जानकारी मिली है कि वहां के लेरिक नामक इलाके में भी लोगों की आयु औसत से काफी अधिक होती है। वैसे इस किस्म की अधिक आयु के इलाकों में जापान का ओकिनावा, इटली का कैंपोडिमेले भी है। इसी तरह अमेरिका के कैलिफोर्निया के लोमा लिंडा को भी अधिक उम्र का इलाका माना जाता है।
इस इलाके के बारे में पहली बार यह जानकारी मिली है कि 1991 के रिकार्ड के मुताबिक वहां की 63 हजार की आबादी में कमसे कम दो सौ लोग ऐसे हैं, जिनकी उम्र एक सौ वर्षों से अधिक है। कई स्थानीय लोगों के मुताबिक उनके दादा या पिता की उम्र बहुत अधिक थी। पिछली पीढ़ी का एक व्यक्ति 168 साल की उम्र तक जिंदा था, ऐसा दावा किया गया है।
अब स्थानीय लोगों की शिकायत है कि आधुनिकता की वजह से वहां का वातावरण अशुद्ध हो रहा है। खास तौर पर वे मोबाइल टावरों को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं। गांव का दौरा करने वाले पत्रकारों ने पाया कि आस पास को मिलाकर 83,800 लोगों में एक सौ से अधिक उम्र वाले लोगों की संख्या आज भी 11 है। इससे पहले कभी भी इस इलाके की वैश्विक चर्चा नहीं हुई थी।
यह इलाका अजरबैजान कै दक्षिणी हिस्से में स्थित है। वहां के प्रसिद्ध टालियाश पर्वत के करीब जो गांव बने हैं, वहां बाहरी दुनिया का आना जाना बहुत कम है। स्थानीय लोग अपनी अधिक उम्र के लिए यहां के पहाड़ों की शुद्ध हवा को असली कारण मानते हैं।
वहां तो अब अधिक आयु से संबंधित एक म्युजियम भी बनाया गया है जिसमें दो हजार के करीब सामानों को प्रदर्शनी में रखा गया है। इनमें तीन पीढ़ियों तक काम करने वाले कपड़ा प्रेश करने का आयरन से लेकर गर्म कपड़े भी हैं। पचास साल से अधिक उम्र के अनेक लोगों ने अपने दादा या नाना को भी सक्रिय तौर पर काम करते देखा है। इससे पता चलता है कि पूर्व के लोग और अधिक दिनों तक यहां जीवित रहा करते थे।