रांची।एक ब्लैक होल ने फिर से तारे को निगलकर हजम कर लेन के बाद नया कुछ उगल दिया है, जो अंतरिक्ष मे काफी दूर तक भागता जा रहा है। इस बार की घटना की जानकारी देते हुए खगोल वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस ब्लैक होल ने अक्टूबर 2018 में बहुत तेजी से एक बड़े आकार के तारा को निगल लिया था। चार साल के बाद उसी ब्लैक होल से कुछ तेजी से बाहर निकला है।
यह घटना धरती से करीब 65 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर घटित हुई है। इससे स्पष्ट हो गया है कि समय समय पर ऐसे ब्लैक होल अपने अंदर से जबर्दस्त ऊर्जा भी बदले स्वरुप में उगलते रहते हैं। वरना इसके पहले यह धारणा थी कि प्रचंड गुरुत्वाकर्षण की वजह से इसके अंदर जाने वाला कुछ भी नहीं बचता है। वैसे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ऐसे ब्लैक होल के अंदर क्या कुछ होता है, जिसकी वजह से ऐसे नये तारे उसके अंदर से बाहर निकलते हैं।
हावर्ड विश्वविद्यालय और सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के शोध दल ने इस घटना का खुलासा किया है। इस बारे में शोधदल के नेता येवेटे सेंडेस ने कहा कि अपने आप में यह एक अजीब घटना है लेकिन इसे घटते हुए अब देखा गया है। इसलिए यह माना जा सकता है कि ब्लैक होल भी समय समय पर अपने अंदर से तेज ऊर्जा को बाहर निकाल देते हैं। वैसे ऐसा क्यों होता है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
वरना इसके पहले सिर्फ अपने आस पास के तमाम तारों को निगल लेने की घटनाओं को पहले भी अनेक बार देखा गया है। अब यह समझने की कोशिश हो रही है कि इस प्रचंड गुरुत्वाकर्षण के बाहर जो कुछ भी निकलता है, वह कैसा होता है और क्या उसकी रासायनिक संरचना अन्य तारों से भिन्न हो जाती है। इसके पहले सिर्फ यह देखा जा सका है कि किसी ब्लैक होल के आकर्षण में आने के बाद तारों की संरचना पूरी तरह नष्ट हो जाती है।
वह टुकड़ों में बंटते हुए ब्लैक होल में समा जाता है। बाहर में सिर्फ कुछ गैस और सौर कण बच जाते हैं। ब्लैक होल के अंदर समाने के पहले ऐसे तारो उसके चारों तरफ तेजी से चक्कर काटते हुए विखंडित होते चले जाते हैं। इस बार जो तारा जैसा कुछ ब्लैक होल से बाहर निकला है वह अंतरिक्ष में प्रकाश की गति से आधी गति से बाहर की तरफ चलता जा रहा है।
इस पर भी वैज्ञानिक अपनी दूरबीनों की मदद से नजर बनाये हुए हैं ताकि बाद में उसकी संरचना के बारे में ऩई जानकारी मिल सके। कई लाख मील की दूरी से तारों को अपने अंदर खा लेने वाले ब्लैक होल से निकला यह पिंड क्या है, उसका और अधिक आंकड़ा प्राप्त होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि तारे से यह नया पिंड किन अर्थों में भिन्न है। लेकिन इस एक घटना से यह साबित हो गया है कि ब्लैकहोल सिर्फ तारों को अपना भोजन ही नहीं बनाता बल्कि समय समय पर अपने अंदर से भोजन बन चुके तारों को किसी स्वरुप में बाहर भी निकालता रहता है।