नईदिल्ली। कोयंबटूर कार विस्फोट की जांच कर रही विशेष टीम ने इस विस्फोट में मारे गए संदिग्ध कट्टरपंथी इस्लामिक स्टेट के सदस्य जमीशा मुनीब के पांच साथियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने योजनाबद्ध अभियान चलाते हुए, विभिन्न सुरागों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सोमवार देर रात और आज सुबह इन पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार लोगों की पहचान मुहम्मद थलका (25), मुहम्मद अजहरुद्दीन (23), मुहम्मद रियाज (27), फिरोज इस्माइल (27) और मुहम्मद नवाज इस्माइल (27) के रूप में की गई है जो उक्कदम इलाके के पास जी.एम. नगर के निवासी हैं। सूत्रों के अनुसार, मुहम्मद थलका ने मुबीन के लिए विस्फोट होने वाले कार का प्रबंध किया था जिसमें रविवार सुबह चार बजे कोट्टई ईश्वरन मंदिर के सामने विस्फोट हुआ था, जब दो एलपीजी सिलेंडरों में से एक 35 किलो का वाणिज्यिक सिलेंडर फट गया और घटनास्थल पर ही मुबीन की मौत हो गई। वह विस्फोट में बुरी तरह झुलस गया था जिससे उसके शव की पहचान मुश्किल थी ।
इसी संदर्भ में पुलिस ने नवाब खान के घर पर छापेमारी की, जो 1998 में कोयंबटूर बम धमाकों का मुख्य आरोपी अल उम्मा का भाई है। खबरों के अनुसार, मुबीन के साथ संबंध होने की सूचना के आधार पर नवाब खान के घर पर छापेमारी की गई।
मुबीन की पहचान होने तुरंत बाद, पुलिस ने उसके घर पर छापेमारी की और पोटेशियम नाइट्रेट, एल्यूमीनियम पाउडर, सल्फर, लकड़ी का कोयला सहित विस्फोटक सामग्रियों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया, जिसका उपयोग देशी बम बनाने के लिए किया जाता था।
डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू ने कहा कि मुबीन के घर से जब्त सामग्री और उसकी कार में हुए विस्फोट के बाद घटनास्थल पर बिखरे हुए कीलों और पत्थरों को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे भविष्य में हमले की योजना बना रहे थे। उन्होंने कहा कि मुबीन की कोयंबटूर के किसी भी मामले में संलिप्तता नहीं थी जैसा कि उसके कुछ दोस्तों की थी। उसके संपर्कों, सोशल मीडिया गतिविधियों आदि की जांच चल रही है।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि वर्ष 2019 में एनआईए ने मुबीन से भी पूछताछ की थी। कोयंबटूर से मिली खबरों के अनुसार, मुबीन मोहम्मद अजहरुद्दीन का सहयोगी था, जो आईएस के एक मामले में केरल की एक जेल में बंद है। अजहरुद्दीन वर्ष 2019 में श्रीलंका के ईस्टर चर्च में हुए बम विस्फोट का कथित मास्टरमाइंड जहरान हाशिम का फेसबुक दोस्त है, जिसमें 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
इस घटना के बारे में पुलिस ने बताया है कि मुख्य अभियुक्त 25 वर्षीय मुबिन ने ही इसे अंजाम दिया था। इस आतंकी विस्फोट के दौरान उसकी मौत हो चुकी है। इस वजह से अब वहां पर यूएपीए कानून लागू कर दिया गया है और जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंप दी गयी है।
इस घटना में कोयंबटूर के एक मंदिर के निकट कार में रखे गैर सिलंडर का विस्फोट होने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी। घटना के बाद छापामारी में पुलिस को अभियुक्तों के पास से 75 किलो विस्फोटक भी बरामद किया गया है।
इस वजह से इस घटना का कोई आतंकी लिंक है अथवा नहीं, उसकी जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक वर्ष 2019 में भी मुबिन को आतंकवाद निरोधक एजेंसी ने पकड़ा था और आईएसआईएस के साथ उसके संबंधों को लेकर पूछताछ की थी। घटना के बारे में पता चला है कि मुबिन अपनी कार में दो सिलंडर लेकर जा रहा था, जिसमें से एक विस्फोट कर गया। वैसे पुलिस का अनुमान है कि इस घटना के साथ दूसरे लोग भी जुड़े हो सकते हैं, जो मुबिन के सहयोगी रहे हैं।