भारत में पेगासूस की खरीद पर नया खुलासा

नईदिल्ली। प्रसिद्ध अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स में भारत में पेगासूस की खरीद पर बड़ा खुलासा कर दिया है। इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि पेगासूस के काम आने वाले हार्डवेयर भारत के आईबी ने खरीदे थे। आयात और निर्यात संबंधी आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है।

जिसमें कहा गया है कि पेगासूस के काम आने वाले कंप्यूटर हार्डवेयर की आपूर्ति अप्रैल 2017 में भारत में की गयी थी। इसे कंपनी ने आईबी यानी गुप्तचर ब्यूरो को भेजा था। यह खुलासा तब हुआ है जबकि भारत सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में इस बारे में जानकारी देने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है। भारतीय सेना ने अपनी तरफ से यह बयान जारी किया था कि उसके साथ पेगासूस बनाने वाली कंपनी एनएसओ का कोई व्यापारिक संबंध नहीं रहा है।

न्यूयार्क टाइम्स के आगेर्नाइज्ड क्राइम एंड करप्सन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट( ओसीसीआरपी) के तहत इसकी जानकारी हासिल की गयी है। पहले ही इस बात की चर्चा हो चुकी है कि भारत सरकार ने वर्ष 2017 में ही पेगासूस की खरीद की थी, जिसका इस्तेमाल गैर रक्षा संबंधी कार्यों में किया गया था।

भारत के आयात संबंधी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि 18 अप्रैल 2017 को आईबी ने हार्डवेयर की एक खेप हासिल की थी। इसमें वे सारे उपकरण थे, जो पेगासूस में इस्तेमाल के काम में आते हैं। यह सारा माल हवाई जहाज से आया था। जिसे नईदिल्ली में उतारा गया।

इसमें डेल कंपनी के खास किस्म के कंप्यूटर सर्वर, सिस्को के नेटवर्क के उपकरण, निरंतर बिजली आपूर्ति करने वाली बैटरियां शामिल थी। इस एक खेप की कीमत भारतीय मुद्रा में करीब दो करोड़ रुपये थी। यह भी बताया गया है कि भारत के अलावा मेक्सिको और घाना को भी एनएसओ ने ऐसे ही माल की आपूर्ति की थी। उन देशों की सरकारों पर भी इस स्पाईवेयर के बेजा इस्तेमाल का आरोप लगा है।

यह बेजा इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों तथा सरकार विरोधी तेवर रखने वाले सामाजिक कार्यकतार्ओं की निजी बात चीत सुनना है। यह भारतीय कानून के तहत लोगों की निजता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। सरकार के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर जानकारी देने से इंकार करने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक तकनीकी कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा कर दिया है कि जांच के लिए पेश किये गये मोबाइलों में पेगासूस होने के प्रमाण मिले हैं।

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