कोलकाता। राहत की खबर है कि बंगाल की खाड़ी में बन रहा निम्न दबाव का क्षेत्र और बड़ा नहीं हो रहा है। इस पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों ने हाल के तीन दिनों की परिस्थितियों को देखकर यह कहा है कि अब सुपर साइक्लोन आने की उम्मीद नहीं है। पूर्व में इसी दबाव वाले इलाके की गतिविधियों के आधार पऱयहां से एक सुपर साइक्लोन तैयार होने की पूर्व चेतावनी जारी कर दी गयी है।
वैसे बंगाल की खाड़ी के उस इलाके में माहौल ऐसा बना हुआ है कि इसके जरिए चक्रवाती तूफान की स्थित बनी हुई है। आगामी 17 या 18 तारीख को इस बारे में पक्के तौर पर औपचारिक घोषणा की जाएगी। इससे पहले मौसम वैज्ञानिक वहां से मिल रहे आंकड़ों तथा रडार स्टेशनों की सूचनाओँ के साथ साथ सैटेलाइट चित्रों पर भी नजर रखे हुए हैं।
इसी आधार पर कहा जा रहा है कि जिस सुपर साइक्लोन की आशंका पहले व्यक्त की गयी थी, वैसा कोई माहौल वहां बनता हुआ नहीं दिख रहा है। दरअसल कालीपूजा के मौके पर इस किस्म के सुपर साइक्लोन की आशंका से पूजा के आयोजन भी चिंतित हो गये थे।
मॉनसून के बादलों के चले जाने के बाद भी अनेक इलाकों में बारिश का असर बना हुआ है। इस बीच रात में तापमान में गिरावट के बाद भी दिन के तापमान में कोई खास बदलाव फिलहाल देखने को नहीं मिलेगा। अनुमान है कि इस तूफान के गुजर जाने के बाद हवा की दिशा बदलने के साथ साथ जाड़ा का मौसम प्रारंभ होगा तब रात का तापमान तेजी से नीचे गिरेगा और दिन में भी इस परिवर्तन को महसूस किया जा सकेगा। पहले सुपर साइक्लोन की आशंका की वजह से समुद्री तट के करीब रहने वाले इलाकों के लोगों के लिए भी तैयारियां प्रारंभ कर दी गयी थी क्योंकि वैसी स्थिति में समुद्र की ऊंची लहरों से बहुत दूर तक का इलाका प्रभावित हो सकता था।