नईदिल्ली। गुजरात चुनाव से पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला आम आदमी पार्टी के लिए ताजी हवा का काम करने जा रहा है। अदालत ने काफी समय से जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन पर लगे बेनामी संपत्ति के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
अदालत ने उनके खिलाफ चल रहे सभी मामलों को बंद करने का भी निर्देश जारी कर दिया है। समझा जाता है कि इतने दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद भी उनके खिलाफ जांच करने वाली सरकारी एजेंसियों को कोई ऐसा सबूत नहीं मिला, जो अदालत में स्वीकार्य हो सके।
इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा है कि भाजपा की एक और साजिश का पदार्फाश हो गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने मामले की सुनवाई करते हुए सत्येंद्र जैन के खिलाफ बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत सभी कार्रवाई बंद करने का आदेश दिया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि संशोधित बेनामी संपत्ति कानून के तहत अधिकारियों द्वारा सत्येंद्र जैन के खिलाफ कोई कार्रवाई जबरदस्ती नहीं की जाएगी। अदालत ने सत्येंद्र जैन और अन्य लोगों के खिलाफ बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत कार्रवाई शुरू करने के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था।
इस फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ट्विट कर कहा कि एक ईमानदार आदमी को इतने महीनों तक जबरन जेल में बंद रखने के बाद भी अंतत: सत्य की जीत हुई है। भाजपा के लोग अगर अपना समय फर्ज़ी केस करने की बजाय राष्ट्र निर्माण के कामों में लगायें तो कितना अच्छा हो।
उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग ने 2017 में सत्येंद्र जैन पर बेनामी कंपनियों के तहत जमीन खरीदने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम 2017 के तहत कार्रवाई शुरू की थी। सत्येंद्र जैन ने उसी वर्ष एक याचिका दायर करते हुए कार्रवाई का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि कथित लेनदेन 2011 से मार्च 2016 के बीच हुआ था और इसलिए नवंबर 2016 में लागू हुआ संशोधन लागू नहीं होगा।