देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में छह पुलिस थाने और 20 चौकियों को स्वीकृति सहित 26 अहम फैसले लिए गए।
धामी ने पहले ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि जहां-जहां कानूनों में बदलाव करने की जरूरत महसूस होगी वहां जनता के अपेक्षा के अनुरूप सरलीकरण और समाधान किया है इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने बिना किसी देरी के विभिन्न जनपदों में कुल छह पुलिस थाने और 20 नई चौकियों की स्वीकृति दे दी है।
राज्य सचिवालय में हुई बैठक में आवास, पेट्रोल पंप का लैंड यूज़ चेंज करने की विसंगति दूर करने सहित कई अहम फैसले लिए गए। पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इन सभी क्षेत्रों को राजस्व पुलिस से हटाकर रेगुलर पुलिस देने को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी।
मुख्यमंत्री ने इस बाबत तत्काल निर्णय लेते हुए पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। बीते दिनों अंकिता भंडारी केस भी राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को सौंपा गया और तत्काल मामले में कार्रवाई कर दी गई।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट द्वारा छह पुलिस थानों को स्वीकृति दी गई है जिसमें पौड़ी जिले में यमकेश्वर, टिहरी जिले में छाम, चमोली जिले में घाट, नैनीताल जिले में खानस्यूं, और अल्मोड़ा जिले में देघाट और धौली झीना की स्वीकृति कैबिनेट द्वारा दी गई है।
इसी प्रकार 20 पुलिस चौकियां जिनमें देहरादून जिले में लाखामंडल, पौड़ी जिले में बीरोंखाल, टिहरी जिले में गजा, कांडीखाल, चमियाला, चमोली जिले में नौटी, नारायणबगड़ और उर्गम पुलिस चौकी स्वीकृत हुई हैं।
इसी प्रकार रुद्रप्रयाग जिले में चोपता, दुर्गाधार, उत्तरकाशी जिले में सांकरी, धौंतरी, नैनीताल जिले में ओखल कांडा, धानाचुली, हेड़ाखान और धारी पुलिस चौकी को स्वीकृति मिली है।
इसी प्रकार अल्मोड़ा जिले में मजखाली, जागेश्वर, भौनखाल, चंपावत जिले में बाराकोर्ट पुलिस चौकी को स्वीकृति प्रदान की गई हैं।
प्रदेश में इन क्षेत्रों में पुलिस चौकी खुलने से जहां पर्यटक स्थलों पर कनून व्यवस्था मजबूत होगी वहीं दूसरी ओर पीक सीजन में जाम की स्थिति में भी निजात मिलेगी। इसके साथ भी पर्यटक स्थलों पर शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर भी कारवाई की जा सकेगी।