आदिना हिरण वन: विदेशी पक्षियों को देखने भारी संख्या में आ रहे हैं पर्यटक

मालदा। आदिनी हिरण फॉरेस्ट में विदेशी पक्षियों को देखने भारी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। इसके बीच ही इन पक्षियों की गिनती का काम भी वन विभाग के द्वारा किया जा रहा है। हर साल बरसता के मौसम में यह पक्षी यहां आते हैं। यहां रहने के दौरान वे वंशवृद्धि करते हैं।

इसी वजह से वन विभाग उनकी तादाद बढ़ रही है अथवा नहीं इस पर नजर रखने के लिए पक्षियों की ऐसी गिनती किया करता है। अब ठंड का मौसम प्रारंभ होने के बाद यह प्रवासी पक्षी यहां से चले जाएंगे। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक इस बार प्रवासी पक्षियों की संख्या यहां बढ़ी है। इसे जानकर विभागीय लोग खुश है।

उनके मुताबिक यहां का माहौल पसंद आने की वजह से अधिक पक्षी यहां आने लगे हैं जो एक बेहतर संकेत है। दूसरी तरफ इसी जंगल में इन पक्षियों को देखने के लिए भी काफी संख्या में पर्यटक यहां आ रहे हैं। विभाग के लोगों का इस बात पर ध्यान है कि लोगों के आने की वजह से इन पक्षियों को अपनी शांति में कोई खलल नहीं पहुंचे।

यहां के वन अधिकारी सिद्धार्थ वी ने बताया कि नियम के मुताबिक इस बार भी उनकी गिनती हुई है और पता चला है कि पिछले बार के मुकाबले इस बार यहां अधिक पक्षी आये हैं। अब प्रवासी पक्षियों की यह तादाद बढ़कर 35 हजार तक पहुंच गयी है। इन पक्षियों में नाइन हेरन, साइबेरियन बार्ड सहित कई अन्य प्रजातियां भी हैं। स्पष्ट है कि इन पक्षियों को इस जंगल का माहौल पसंद आ रहा है।

अब विभाग की जिम्मेदारी सिर्फ पक्षियों की शांति को कायम रखने की है। ऐसा होने पर आने वाले वर्षों में यहां उनकी तादाद और भी बढ़ेगी।बता दें कि यहां के गाजोल ब्लॉक के पांडुआ ग्राम पंचायत में करीब एक सौ एकड़ जमीन पर यह डीयर पार्क बनाया गया है। इस जंगल में पहले से ही नीलगाय सहित सत्रर किस्म के हिरण रहते हैं। इसी जंगल में प्रवासी पक्षियों ने अपना डेरा बनाना प्रारंभ किया था।

अब धीरे धीरे उनकी तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। इस जंगल में रहते वक्त वे वंशवृद्धि करते हैं और ठंड का मौसम आते ही यहां से अन्यत्र चले जाते हैं। जून माह के करीब इन पक्षियों ने यहां डेरा डाला था। अब दिसंबर आते ही यह सभी फिर से वापस चले जाएंगे। इसके बीच ही उनकी गणना का यह काम पूरा किया जा रहा है।

पिछले दो वर्षों के कोरोना काल में यहां पक्षियों की तादाद और बढ़ी है क्योंकि लॉकडाउन की वजह से वहां पर्यटक भी नहीं थे। वैसे यहां पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ने की वजह से विभाग और गैर सरकारी तौर पर भी पर्यटकों के रहने के लिए सुविधाओं का यहां विकास किया जा रहा है।

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