देहरादून। गढ़वाल और कुमाऊं के अल्मोड़ा जनपद से जुड़े आस-पास के गांव में क्षेत्र के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और संत कल्याण सिंह रावत की 75 वर्षीय धर्मपत्नी सकरी देवी का बूढ़ा खोली गांव के खेतों में कटा हुआ सिर और पांव मिलने से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।
उक्त जानकारी देते हुए कांग्रेश उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि श्रीमती सकरी देवी पिछले 27 सितंबर रात 9:00 बजे से अपने मायके के गांव बूढ़ा खोली से शौच जाते हुए गायब हो गई थी।
तब से गांव के स्तर पर और सरकार के स्तर पर भी 10 दिन तक लंबी खोजबीन के बाद भी उनका पता ना चल सका परंतु आज जब एक ग्रामीण ने एक स्थान पर उनका कटा हुआ सर और दूसरे स्थान पर उनके पड़े हुए पाव देखें तो पूरा इलाका दहल गया।
स्वर्गीय कल्याण सिंह रावत इस दुशांध के क्षेत्र में जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता थे और सतपाल महाराज और उनके स्वर्गीय पिता हंस महाराज के शिष्य थे। धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि उनके कहने पर स्वयं मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी थोड़ी और अल्मोड़ा उन की खोजबीन के आदेश दिए थे।
परंतु राजस्व पुलिस और पुलिस प्रशासन द्वारा रात दिन द्रोण कैमरो तक से, उनके ढूंढने के सब प्रयास विफल रहे तभी एक स्थानीय पूछेरे (पंडित) ने बताया कि 3 दिन में उनका पता चल जाएगा। संयोग की बात है उनकी वाणी सही निकली और आज तीसरे दिन उनके कटे सर और पाओ बूढ़ा खोली गांव में पड़े मिल गए।
प्रारंभिक संकेत यही बता रहे हैं किसी गुलदार या बाघ ने उन्हें अपना ग्रास बना लिया।
धीरेंद्र प्रताप ने बताया आज देर शाम सकरी देवी के पुत्र मोहन सिंह रावत और पौत्र कुलदीप रावत अपने परिजनों के साथ बूढ़ा कोली गांव गए और अभी देर शाम तक उनके शव को दिवायल ले जाने की तैयारी में लगे रहे। जहां उनका कल पोस्टमार्टम किया जाएगा।