छपरा। बिहार के सारण जिले में अवस्थित अम्बिका स्थान मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, जो भगवान शिव के विश्वप्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर, विश्वनाथ मंदिर और वैद्यनाथ धाम के साथ अद्भुत त्रिभुज का निर्माण करता है।
छपरा से लगभग 24 किलोमीटर पूर्व दिघवारा इलाके में अवस्थित अम्बिका स्थान मंदिर को यदि केंद्र बिन्दु माना जाये तो इसके समान दूरी पर ही पड़ोसी देश नेपाल में स्थित काठमांडू का पशुपतिनाथ मंदिर, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का विश्वनाथ मंदिर और झारखंड के देवघर में मौजूद बाबा वैद्यनाथ धाम की दूरी एक समान है। अंबिका मंदिर इन सभी मंदिरों से दूरी बना कर एक त्रिभुज का निर्माण करती है।
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां मिट्टी की पिंडी की पूजा मां जगत जननी दुर्गा के रूप में की जाती है। इस कारण यह सिद्धपीठ भक्तों के लिए हमेशा ही आस्था का केंद्र रहा है। प्रति वर्ष आश्विन और चैत्र मास में नवरात्र के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है।
भक्त अपने घर से यहां आकर नौ दिनों तक मंदिर में रहकर भी दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं जप करते हैं। पूरे साल मंदिर के पुजारियों के द्वारा सुबह एवं शाम आरती के पश्चात मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है, जिसमें आम भक्त हिस्सा लेते हैं। लेकिन नवरात्रि के अवसर पर इसमें मंदिर के पुजारियों के द्वारा ही मां अम्बिका की आरती की जाती है, जिसमें आम भक्त का प्रवेश वर्जित होता है।