अंकिता हत्याकांड के दोषियों को दी जाए कठोर सजा: आप
विधानसभा सचिवालय में बैकडोर से नियुक्तियां करने वालों पर भी हो कार्रवाई
देहरादून। आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि राज्य में बीते दिन दो ऐसी घटनाएं चर्चा का विषय रही जिनसे देवभूमि शर्मसार हुई है। एक घटना ने निर्भया कांड की याद को ताजा कर दिया। दूसरी घटना ने राज्य के जन सेवकों द्वारा पिछले 22 साल से किए जा रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम किया।
कहा कि राज्य विधानसभा में जहां 15 कार्मिकों से काम चलाया जा सकता था, वहां बैकडोर से पांच सौ से अधिक लोगों को नियुक्त कर दिया गया। भर्ती घोटाले की जांच के लिए गठित समिति की रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को मिलने पर उन्होंने 2016 से 2022 के बीच की गई 228 तदर्थ नियुक्तियों को रद्द कर दिया, इस फैसले का आप पार्टी स्वागत करती है।
लेकिन यह फैसला अधूरा व एकतरफा है। क्योंकि एक पक्ष के खिलाफ कार्रवाई हुई, लेकिन असली दोषियों के खिलाफ मौन साध लिया गया है। ऐसा कर सरकार की साख को बचाने की कोशिश की जा रही है। पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि विस भर्ती घोटाले में सबसे बड़े दोषी वह लोग हैं जिन्होंने नियकों को ताक पर रखकर बैकडोर से अपने चहेतों की नियुक्तियां की हैं।
नौकरी पाने वाला बेरोजगार बेरोजगार था जरूरतमंद भी। उसे नियम-कानून की जानकारी नहीं थी। जबकि नौकरी देने वाला व्यक्ति नियम कानून का जानकार था। इसलिए जानकार व्यक्ति कैसे दोषमुक्त हो सकता है। इन लोगों को क्लीन चिट देने का मतलब साफ है कि भाजपा और कांग्रेस इस मामले को मिलकर निपटाना चाहती है।
उन्होंने मांग की है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से पद से बर्खास्त किया जाए। कांग्रेस भी अपने तत्कालीन विस अध्यक्ष को पार्टी से निष्कासित करें। साथ ही वर्ष 2000 से 2012 तक विधानसभा में हुई अवैध नियुक्तियों की भी जांच कराई जाए। अंकिता हत्याकांड मामले में राजस्व पुलिस प्रणाली के औचित्य पर भी उन्होंने सवाल उठाया है। कहा कि सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
मांग की है कि हत्याकांड के दोषियों को कठोर से कठोर सजा दिलाई जाए। ताकि भविष्य में कोई इस तरह के अपराध करने की सोच भी न सके। पत्रकार वार्ता में उपाध्यक्ष आरपी रतूड़ी, रविन्द्र आनंद, उमा सिसोदिया आदि भी मौजूद रहे।