जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि रूस ने यूक्रेन में युद्ध अपराध किए, जिसमें नागरिक क्षेत्रों पर बमबारी, कई फांसी, यातना और भयानक यौन हिंसा शामिल है। संयुक्त राष्ट्र की तीन स्वतंत्र विशेषज्ञों की टीम ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को अपना पहला मौखिक अपडेट प्रस्तुत किया। टीम ने कीव, चेर्निहाइव, खार्किव और सूमी क्षेत्रों को देखते हुए प्रारंभिक जांच शुरू की थी।
टीम ने कहा कि यह अपनी पूछताछ को व्यापक बनाएगी। अपने पड़ोसी यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की सात महीने पूरा होने से एक दिन पहले जांच दल के प्रमुख एरिक मोसे ने शुक्रवार को परिषद को बताया कि यूक्रेन पर जांच आयोग द्वारा एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर, यह निष्कर्ष निकाला है कि यूक्रेन में युद्ध अपराध किए गए हैं।
गार्जियन के मुताबिक जांचकर्ताओं की टीम ने 27 कस्बों और बस्तियों के साथ-साथ कब्रों और हिरासत तथा यातना केंद्रों का दौरा किया। करीब 150 से अधिक पीड़तिों और गवाहों का साक्षात्कार लिया, साथ ही वकील समूहों और सरकारी अधिकारियों के साथ मुलाकात की। मोसे ने कहा कि टीम विशेष रूप से जिन क्षेत्रों में गयी थी वहां बड़ी संख्या में लोगों को मारा गया था।
लोगों के शरीरों पर यातना के साफ संकेत थे। जैसे कि पीठ के पीछे बंधे हाथ, सिर पर बंदूक की गोली के घाव और गला काट दिया गया था। उन्होंने कहा कि टीम 16 कस्बों और बस्तियों में इस तरह की मौतों की जांच कर रहा था और कई और मामलों के बारे में विश्वसनीय आरोप प्राप्त हुए।
टीम मौतों से जुड़े दस्तावेज की तलाश करेगा। परिषद को बताया गया कि जांचकर्ताओं को गैरकानूनी कारावास के दौरान किए गए दुर्व्यवहार और यातना के लगातार प्रमाण भी प्राप्त हुए। संयुक्त राष्ट्र ने युद्ध में मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच को प्राथमिकता दी है और मई में इसके शीर्ष मानवाधिकार निकाय ने देश में काम शुरू करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम को अनिवार्य कर दिया है।