देहरादून। एक सवाल यह है कि क्या अवैध नियुक्तियां करने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष वर्तमान में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के खिलाफ उनकी पार्टियां राजनीतिक शुचिता के लिए कार्रवाई करेंगी।
कुंजवाल को खैर किसी पद पर नहीं मगर क्या पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल और नैतिकता के आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा देंगे या फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उन्हें अपनी कैबिनेट से हटाएंगे। इस सबके बीच हैरत की बात यह है कि अपने बच्चों की बैकडोर भर्ती कराने वाले कुंजवाल आज भी अजीबो गरीब बयान दे रहे हैं।
नियुक्तियां रद्द होने पर कुंजवाल ने कहा कि गलती विधानसभा अध्यक्ष और सचिव की है। जिनकी नौकरी गई उनका कोई कसूर नहीं।
उनको तो चुनाव हराकर जनता ने सजा दे दी है। ऐसे में लगता है कि कुंजवाल अंतिम सांस तक गलत तौर तरीके पिछले दरवाजे से नियुक्त लोगों को बचाना चाहते हैं।