देहरादून। पूर्व सीएम व कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य हरीश रावत राहुल गांधी के अध्यक्ष न बनने के ऐलान से नाराज नजर आ रहे हैं। रावत का कहना है कि राहुल गांधी के अध्यक्ष न बनने की स्थिति में उनकी भूमिका क्या होगी इसको लेकर वह असमंजस में हैं और इसके लिए भगवान बदरी विशाल से मार्गदर्शन व आशीर्वाद मांगेंगे।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर बृहस्पतिवार का डाली गयी एक पोस्ट में लिखा है कि वे अपने जीवन की एक बड़ी उलझन को सुलझाने जा रहे हैं। पहले पितरों को याद करने के बाद वे पितरों का आशीर्वाद लेकर भगवान बद्रीनाथ की शरण में जाएंगे।
वे आगे लिखते हैं कि कोरोना के साथ भीषण संघर्ष के बाद जिंदा वापस आने पर उन्होंने अपने मन में आगे के राजनीतिक जीवन के विषय में मनन किया। उनके मन ने कहा कि जितनी भी शक्ति व जीवन शेष है, राहुल गांधी को समर्पित करो। मन ने कहा कि पार्टी के लिए दो काम कर सकते हैं, पहला चुनाव के वक्त प्रचार कर वोट करने का और दूसरा काम संगठनात्मक।
जिसमें लोगों को निरंतर पार्टी के साथ जोड़ना मुख्य होगा। रावत ने कहा है कि राहुल अध्यक्ष पद संभालते हैं तो वे उनकी इच्छा थी कि साथ खड़े होकर संगठन में काम करते। यदि वह अध्यक्ष पद नहीं संभालते हैं तो उसके बाद उनके सामने आगे के राजनीतिक जीवन को लेकर एक बड़ा प्रश्न खड़ा।
रावत का कहना है कि वे निरंतर काम करने वाले व्यक्ति हैं। एक बार पांव अगर थम जाएंगे तो फिर उम्र हावी हो जाएगी। उन्होंने कहा है कि राहुल ही उनकी प्रेरणा हैं। आगे भविष्य में चुनौतियां बहुत बड़े हैं। आगे की क्या रूपरेखा बनाऊं, अब भगवान बदरी विशाल ही तय करेंगे। इस पोस्ट के माध्यम से हरीश रावत ने भविष्य में राजनीति से किनारा करने के संकेत दिये हैं।