नैनीताल। कुमाऊं मंडल में लगातार हो रही बरसात से नदियाँ ऊफान पर हैं। चंपावत में शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से टनकपुर-बसबसा क्षेत्र के 16 गांवों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। भूस्खलन के चलते मंडल में लगभग 50 से अधिक सड़कें बंद हो गयी हैं।
बरसात का सबसे अधिक असर चंपावत जनपद में देखने को मिला है। यहां शारदा नदी का जलस्तर में वृद्धि होने से नदी के किनारे बसे टनकपुर व बनबसा के 16 गांवों में जलभराव हो गया है। पूर्णागिरी के उपजिलाधिकारी हिमांशु कफल्टिया ने शनिवार को बताया कि सबसे अधिक प्रभावित टनकपुर का चीनीगोठ क्षेत्र हुआ है।
यहां पूरा गांव पानी की चपेट में आ गया। इसी प्रकार आमबाग, ज्ञानखेड़ा, पंचपखरिया, बागपुर के अलावा कुल 16 गांवों में भी पानी भर गया। श्री कफल्टिया ने बताया कि अभी किसी तरह के नुकसान की आशंका नहीं है। अतिवृष्टि के चलते शारदा बैराज के जलस्तर में भारी वृद्धि होने से 1.65 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। सभी 23 गेट खोल दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
टनकपुर से सटे पहाड़ी क्षेत्रों में भी बरसात से नुकसान की आशंका है। कई गांव और सड़कें भूस्खलन की चपेट में आ गयी हैं। फसलों को भी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि टीमों को ग्रामीण क्षेत्रों में रवाना कर दिया गया है। नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
बरसात से सबसे अधिक नुकसान टनकपुर-चंपावत-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को हुआ है। यहाँ क ई जगहों पर मलबा आ गया है। स्वाला के पास सड़क का बड़ा हिस्सा खाई में समाने से पहाड़ और मैदान का संपर्क कट गया है। जिले में कुल 21 सड़कें ठप हैं।जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने में जुट गया है।