एनएएल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर

देहरादून। यूपीईएस स्‍कूल ऑफ बिजनेस ने एनएसई स्‍मार्ट फिन लैब को लॉन्‍च करने और वित्‍त एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सीखने के अवसर विकसित करने के लिये नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) के पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली सब्सिडियरी एनएसई एकेडमी लिमिटेड (एनएएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किये हैं।

इस भागीदारी के तहत, यूपीईएस में एमबीए और बीबीए प्रोग्राम्‍स के अंतर्गत वित्‍त की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को एनएसई स्‍मार्ट फिन लैब के माध्‍यम से निवेश एवं व्‍यापार की रणनीतियों के बारे में सीखने का अवसर मिलेगा।
एनएसई स्‍मार्ट फिन लैब ट्रेडिंग टर्मिनल्‍स पर लाइव इक्विटी, डेरिवैटिव, करंसी डेरिवैटिव्‍स मार्केट के फीचर्स को दोबारा निर्मित करेगी, ताकि विद्यार्थी वित्‍तीय जोखिम के बिना ट्रेडिंग सिक्‍योरिटीज का अभ्‍यास करें और सीखें।

वित्‍त एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अच्‍छी समझ और क्षमताएं निर्मित करने के इच्‍छुक विद्यार्थियों के लिये छोटी और लंबी अवधि के कई प्रोग्राम्‍स कस्‍टमाइज भी किये जाएंगे। इन प्रोग्राम्‍स के माध्‍यम से प्रस्‍तुत होने वाले विषय हैं फाइनेंशियल टेक्‍नोलॉजी, ब्‍लॉक चेन मैनेजमेंट, डेटा साइंस, एनालीटिक्‍स फॉर फाइनेंस, मशीन लर्निंग, पाइथन फॉर फाइनेंस, बिजनेस एनालिटिक्‍स, फाइनेंस फॉर नॉन-फाइनेंस, स्‍टेटिस्टिक्‍स फॉर फाइनेंस, फाइनेंशियल वैल्‍यूएशन एण्‍ड मॉडलिंग, और बीएफएसआई तथा संबद्ध प्राद्यौगिकी क्षेत्र के अन्‍य सम्‍बंधित विषय। यह सभी प्रोग्राम्‍स ऑफलाइन तरीके से प्रदान किये जायेंगे।
इस अवसर पर यूपीईएस स्‍कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक श्री राहुल नैनवाल ने कहा, “हमने अपने विद्यार्थियों को वित्‍त एवं व्‍यापार उद्योग में जरूरी कुशलताएं प्रदान करने के उद्देश्‍य से एनएसई एकेडमी के साथ गठजोड़ किया है। “एक डिजिटल दुनिया का बी-स्‍कूल’’ बनने के हमारे विचार के साथ यूपीईएस स्‍कूल ऑफ बिजनेस की टीम बदलाव लाने वाली शिक्षा प्रदान करने और वैश्विक डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था के लिये नेतृत्‍वकर्ताओं की अगली पीढ़ी को तैयार करने की लगातार कोशिश करती है। एनएसई एकेडमी दो दशक से ज्‍यादा समय से बीएफएसआई सेक्‍टर में वित्‍तीय साक्षरता को बढ़ावा दे रही है और प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। एनएसई एकेडमी के विशेषज्ञों के सहयोग से एनएसई स्‍मार्ट फिन लैब को स्‍थापित करने से हमारे विद्यार्थियों को उद्योग का जरूरी परिचय और बाजार की कार्यात्‍मकताओं की समझ मिलेगी। हमें एनएसई एकेडमी के साथ एक स्‍थायी भागीदारी की आशा है।

यूपीईएस स्‍कूल ऑफ बिजनेस का पाठ्यक्रम नई टेक्‍नोलॉजी पर केन्द्रित है, जोकि व्‍यवसाय की प्रकृति, उपभोक्‍ता के अनुभवों और साझीदारों के बीच आयामों को तेजी से बदल रही हैं। स्‍कूल ऑफ बिजनेस विद्यार्थियों को बदलाव और तेजी से बदल रहे कार्यस्‍थलों के अनुकूल बनने के लिये तैयार करता है।

अपने शैक्षणिक एवं उद्योग भागीदारों के साथ पूर्वसक्रिय रूप से सहकार्य करते हुए यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों को नवाचार और रचनात्‍मकता से संचालित होने वाले भविष्‍य में फलने-फूलने की कुशलताओं से सक्षम करती है।
इस मौके पर एनएसई एकेडमी लिमिटेड के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी  अभिलाष मिश्रा ने भविष्‍यवादी सोच और विद्यार्थियों की अपस्किलिंग की पहलों के लिये यूपीईएस देहरादून को बधाई दी। उन्‍होंने संस्‍थान के विद्यार्थियों को निवेश और कॅरियर, दोनों के संदर्भ में पूंजी बाजारों में सक्रिय भागीदारी के लिये प्रोत्‍साहित किया। उन्‍होंने कहा, “यूपीईएस देहरादून के साथ हमारा गठजोड़ विद्यार्थियों के लिये प्रतिस्‍पर्द्धी कुशलताओं के विकास में एनएसई एकेडमी की महत्‍वपूर्ण भूमिका को बढ़ावा देगा और उच्‍चतर शिक्षा के क्षेत्र में महत्‍व को उल्‍लेखनीय ढंग से बढ़ाएगा।”
उत्‍तराखण्‍ड विधानसभा के यूपीईएस अधिनियम, 2003 के माध्‍यम से 2003 में स्‍थापित यूपीईएस, यूजीसी से मान्‍यता-प्राप्‍त यूनिवर्सिटी है और इसे एनएएसी ने ग्रेड ‘ए’ प्रत्‍यायित किया है। शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने भारत के कॉलेजों और संस्‍थानों के बीच यूपीईएस को 65वां स्‍थान दिया है। भारत में यूपीईएस का स्‍कूल ऑफ इंजीनियरिंग 61वें, प्रबंधन संस्‍थानों के बीच स्‍कूल ऑफ बिजनेस 41वें और स्‍कूल ऑफ लॉ 21वें नंबर पर है। इस यूनिवर्सिटी को पिछले कुछ वर्षों में 90% से अधिक नियुक्तियों के कारण वैश्विक मान्‍यता-प्राप्‍त क्‍यूएस रेटिंग से रोजगार-योग्‍यता (प्‍लेसमेंट्स) में 5-स्‍टार्स मिले हैं।
यूपीईएस अपने आठ स्‍कूलों के माध्‍यम से ग्रेजुएट और पोस्‍टग्रेजुएट प्रोग्राम्‍स की पेशकश करती है: स्‍कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्‍कूल ऑफ कंप्‍यूटर साइंस, स्‍कूल ऑफ डिजाइन, स्‍कूल ऑफ लॉ, स्‍कूल ऑफ बिजनेस, स्‍कूल ऑफ हेल्‍थ साइंसेस एण्‍ड टेक्‍नोलॉजी, स्‍कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया और स्‍कूल ऑफ लिबरल स्‍टडीज।
नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) के विषय में:
नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) कैलेंडर वर्ष 2021 के लिये फ्यूचर्स इंडस्‍ट्री एसोसिएशन (एफआईए) के आंकड़ों के अनुसार व्‍यापार परिमाण (अनुबंधों) के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवैटिव्‍स एक्‍सचेंज है। कैलेंडर वर्ष 2021 के लिये वर्ल्‍ड फेडरेशन ऑफ एक्‍सचेंजेस (डब्‍ल्‍यूएफई) के आंकड़ों के अनुसार एनएसई व्‍यापार संख्‍या के लिहाज से कैश इक्विटीज में विश्‍व में चौथे स्‍थान पर है। एनएसई भारत का पहला एक्‍सचेंज था, जिसने इलेक्‍ट्रॉनिक या स्‍क्रीन-आधारित व्‍यापार पर क्रियान्‍वयन किया था। इसके परिचालन की शुरूआत 1994 में हुई थी और यह सेबी के डाटा के अनुसार 1995 से हर साल इक्विटी शेयर्स के कुल एवं औसत दैनिक टर्नओवर के लिहाज से भारत का सबसे बड़ा स्‍टॉक एक्‍सचेंज है। एनएसई के पास पूरी तरह से एकीकृत बिजनेस मॉडल है, जिसमें एक्‍सचेंज लिस्टिंग्‍स, ट्रेडिंग सर्विसेस, क्‍लीयरिंग और सेटलमेंट सर्विसेस, सूचियाँ, मार्केट डाटा फीड्स, टेक्‍नोलॉजी सॉल्‍यूशंस और फाइनेंशियल एज्‍युकेशन की पेशकश शामिल हैं। एनएसई सेबी और एक्‍सचेंज के नियमों और विनियमनों के साथ ट्रेडिंग, क्‍लीयरिंग सदस्‍यों और सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा अनुपालन का निरीक्षण भी करता है। एनएसई ने प्रौद्योगिकी की पहल की है और वह प्रौद्योगिकी में नवाचार और निवेश की संस्‍कृति के माध्‍यम से अपनी प्रणालियों की विश्‍वसनीयता और प्रदर्शन सुनिश्चित करता है।

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