डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक ब्रह्माबाबा के विरुद्ध एक पत्रकार ने एक बार मानहानि कारक समाचार प्रकाशित कर दिया ,जिसे लेकर संस्था के सभी भाई बहन उस पत्रकार से नाराज़ हुए और पत्रकार को लेकर ब्रह्माबाबा के पास पहुंचे ।
संस्था के भाई बहनों ने बाबा को उनके विरुद्ध छपे समाचार के बारे में बताया और साथ आए उस पत्रकार के विरुद्ध मुकदमा करने की अनुमति मांगी।ब्रह्माबाबा बोले,यह पत्रकार भी हमारा बच्चा हैं ।ओर एक बाप अपने बच्चे के विरुद्ध मुकदमा नही कर सकता।
ब्रह्माबाबा के इस रूप को देखकर वह पत्रकार ब्रह्माबाबा के सामने नतमस्तक हो गया।ब्रह्माकुमारीज द्वारा माउंट आबू के शांतिवन में आयोजित राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन में राजयोगी बीके मृत्युंजय भाई ने उक्त किस्सा सुनाते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने जय जवान का नारा देश को दिया तो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय किसान, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जय विज्ञान और ब्रह्माकुमारीज ने जय अध्यात्म का नारा देकर देश मे जवानों,किसानों, वैज्ञानिकों तथा आध्यात्मिकता को सम्रद्ध किया है।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से ईश्वरीय वाणी के रूप में मुरली पढ़ने और मुरली कही गई बातों को आत्मसात करने की बात कही।29 अगस्त से 2 सितंबर तक चले इस 5 दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन में राजस्थान सरकार के मंत्री महेंद्र चौधरी ने ब्रह्माकुमारीज संस्था को स्वर्ग सी सुंदर बताते हुए संस्था के माध्यम से चारित्रिक उत्थान व विश्व शांति के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो की सराहना की।
दुनिया भर में एक मात्र इस आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के महत्व पर संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके ब्रजमोहन भाई ने प्रकाश डाला ।उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता का रहस्य भी बताया और गीता के वास्तविक भगवान को लेकर चर्चा की।उन्होंने मीडियाकर्मियों से अपील की कि वे सकारात्मक सोच के तहत पत्रकारिता करेंगे तो अच्छी रिपोर्टिग होगी।साथ ही काम का दबाव भी महसूस नही करेंगे और तनाव भी नही होगा।
मीडिया सम्मेलन में देशभर से आए पत्रकारों ने संकल्प लिया कि वे यहाँ से जाकर अपनी लेखनी के माध्यम से सकारात्मक खबरों को बढ़ावा देंगे,क्योंकि पत्रकारिता में आध्यात्म के समावेश से ही समृद्ध भारत की तस्वीर बनेगी। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में ‘समाधान परक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में ‘समाधान केंद्रित मीडिया- समय की मांग ‘ विषय पर भी खुलकर विमर्श हुआ।
पत्रकारों ने संकल्प लिया कि वे अपने समाचार माध्यम से समाज में आशा जगाने वाली, सकारात्मक खबरों को प्रस्तुत करेंगे। इससे ही मीडिया समाज को मानसिक स्वास्थ्य परोस सकता है। दिल्ली से पधारे भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि समाज और जीवन को प्रभावित करने वाली जो भी गतिविधियां हमारे समाज में हैं, उसमें समाज को प्रभावित करने के लिए मीडिया एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मीडिया समाज के लोग मंगल कार्य में बहुत प्रभावकारी है।
जैसे डॉक्टर शरीर के स्वास्थ्य के लिए है, उसी प्रकार मीडिया मानसिक स्वास्थ्य समाज को दे सकता है। एयर इंडिया के ऑथर जितेंद्र भार्गव ने कहा कि देश के बाहर जो ऑर्गेनाइजेशन होते हैं वह हमारे देश को मीडिया के द्वारा नुकसान पहुंचा सकता हैं। अगर देश को सही मायने में स्वर्णिम भारत बनाना है तो मीडिया को सच्चाई दिखानी पड़ेगी।मीडिया विंग मुंबई के जोनल कॉर्डिनेटर बीके संजय भाई ने कहा कि मीडिया कर्मी अपने दायित्वों को सकारात्मक सोच के तहत निभाएं ।जिससे समाज का उत्थान हो,वैसे ही समाचार प्रकाशित करें।
जितना हम अध्यात्मिकता को जीवन में अपनाते हैं और दृढ़ता से संकल्प लेते हैं ,उतना ही नए समाज के परिवर्तन में अपना योगदान दे सकते है। अभिनेत्री रीमा सरीन ने कहा कि ब्रह्माकुमारी के संपर्क में आने के बाद मेरा जीवन बदल गया। मैं रोज राजयोग का अभ्यास और मुरली सुनती हूं।उन्होंने कहा कि आज के युवा और मीडिया के लिए सकारात्मक होना बहुत जरूरी है।ग्लोबल पीस इनिवेटिव की निदेशिका बीके डॉ बिन्नी सरीन, हैदराबाद की विंग की नेशनल कोऑर्डिनेटर सरला आनंद ने भी मूल्यनिष्ठ मीडिया पर जोर दिया।
सम्मेलन की शुरुआत संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी और अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी आदि ने दीप प्रज्जवलन करके की। सम्मेलन में मास मीडिया से अपेक्षा की गई कि वे समाज की जटिल समस्याओं के समाधान के लिए पहल करें। एक पत्रकार समाज का जिम्मेदार नागरिक होता है। मीडिया को लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन, सामाजिक समस्याओं को उजागर करने की जरूरत है। मंत्री महेंद्र चौधरी ने बताया कि उन्हें ब्रह्माकुमारीज संस्थान में आकर अलौकिक शक्ति का अनुभव होता है।
देश में कई संस्थानों में जाना हुआ, कई कार्यक्रमों में भाग लिया लेकिन ब्रह्माकुमारीज के पवित्र वातावरण में आकर पवित्रता का अनुभव और मन को शांति मिलती है। वर्ष 1937 में बहुत ही छोटे स्तर पर संस्थान की नींव रखी गई थी और अपनी 86 वर्षों की यात्रा में आज यह संस्था विश्व के 140 देशों में 8 हजार सेवाकेंद्रों के माध्यम से राजयोग मेडिटेशन और आध्यात्म का संदेश दिया जा रहा है ।
यहां पचास हजार ब्रह्माकुमारी बहनें तन-मन-धन से समर्पित रूप से सेवाएं दे रही हैं,वही दुनियाभर में संस्था के 20 लाख विद्यार्थी नियमित राजयोग ध्यान करते हैं। संस्थान के माध्यम से नारी शक्ति ने यह साबित कर दिया है कि नारी अबला नहीं सबला है।सम्मेलन कई सत्रों में चला।
अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा की कार्यपरिषद के सदस्य डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण ने अपने सारगर्भित उदबोधन में मिशनरी पत्रकारिता को आज की आवश्यकता बताई,वही रायपुर से आए वरिष्ठ पत्रकार मधुकर द्विवेदी ने तनाव मुक्त वातावरण मीडिया के लिए जरूरी बताया जो राजयोग के अभ्यास से ही संभव है।बीके विवेक भाई के संचालन में टॉक शो के माध्यम से पत्रकारों का आपसी संवाद भी हुआ और पत्रकारिता के क्षेत्र की चुनोतियो पर चर्चा हुई।
सम्मेलन के उदघाटन सत्र में श्रीगोपाल नारसन की पुस्तक ‘श्रीमद्भागवत गीता शिव परमात्मा उवाच’ व ‘ब्रह्माकुमारी दादी जानकी ‘का विमोचन हुआ।इस अवसर के प्रत्यक्षदर्शियों में पुस्तकों के प्रकाशक सत्यभान सिंह,उत्तराखंड सूचना विभाग के उपनिदेशक डॉ मनोज श्रीवास्तव, डाक विभाग के एसएसपी रहे अरविंद भारद्वाज, डॉ परमेंद्र देशवाल आदि शामिल है।