बर्लिन। रूस ने मरम्मत का हवाला देते हुए यूरोप को गैस आपूर्ति करने वाली अपनी प्रमुख गैस पाइपलाइन ‘नॉर्ड स्ट्रीम-1’ को पूरी तरह से बंद कर दिया है।
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू करने बाद यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस ने यह कदम युद्ध के 189 दिनों के बाद उठाया है। रूस में सरकारी स्वामित्व वाली ऊर्जा दिग्गज ‘गजप्रोम’ ने कहा कि नॉर्ड स्ट्रीम-1 पाइपलाइन अगले तीन दिनों तक बंद रहेगी।
रूस ने पहले ही पाइपलाइन के माध्यम से गैस निर्यात में काफी हद तक कम कर दी है, लेकिन यह यूक्रेन के आक्रमण पर प्रतिबंध लगाने के लिए पश्चिमी देशों को दंडित करने के तरीके के रूप में ऊर्जा आपूर्ति का उपयोग करने के आरोपों को खारिज करता है।
नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन सेंट पीटर्सबर्ग के पास रूसी तट से उत्तर-पूर्वी जर्मनी तक बाल्टिक सागर के नीचे 1200 किमी तक फैली हुई है।
यह 2011 में शुरु की गयी थी और इस पाइपलाइन के जरिए रूस से जर्मनी को प्रतिदिन अधिकतम 17 करोड़ घन मीटर गैस भेजी जाती है। रूस के मुताबिक जुलाई में पाइपलाइन को मरम्मत के लिए फिर से दस दिनों के लिए बंद कर दिया गया था।
इसी तरह रूस दोषपूर्ण उपकरणों का कारण हाल में केवल 20 प्रतिशत क्षमता पाइपलाइन को आपरेट कर रहा है। यूरोपीय नेताओं को इस बात की आशंका है कि रूस गैस की कीमतों को बढ़ाने के प्रयास में पाइपलाइन को बंद रखने की सीमा को आगे बढ़ा सकता है।
फ्रांसीसी ऊर्जा प्रसारण मंत्री एग्नेस पैनियर-रनचर ने मंगलवार को रूस पर ‘‘युद्ध के हथियार के रूप में गैस का उपयोग करने’’ का आरोप लगाया। उन्होंने यह बात उस समय कही जब ‘गजप्रोम’ ने कहा कि वह फ्रांसीसी ऊर्जा कंपनी एंजी को गैस वितरण को रोक देगा।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पश्चिमी प्रतिबंधों ने रूसी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाकर रुकावटें पैदा की हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रतिबंधों के कारण होने वाली ‘तकनीकी समस्याएं’ ही रूस को गैस की आपूर्ति करने से रोक रही हैं।