हाकम तो गोटी भर, वजीर तक पहुंचने से पहले नहीं आएगा सच सामने
बिना देर किए सीएम को देनी होगी यूकेएसएसएससी अध्यक्ष और सचिव की गिरफ्तारी का आदेश
हल्द्वानी । पीसीसी प्रमुख करन सिंह माहरा ने दावा किया है कि यूकेएसएसएससी नियुक्ति घोटाले के लिए पूरी तरह से अध्यक्ष एवं सचिव को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि सीएम को घोटाले का सच सामने लाने के लिए पहले दोनों अध्यक्ष और सचिव को गिरफ्तार करना होगा।
उन्होंने कहा कि इस घोटाले के तार यूपी और उत्तराखंड से जुड़े हुए हैं। बिना वक्त गंवाएं सीएम को सीबीआई जांच की सिफारिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई की जांच चाहती है। उन्होंने कहा कि इस जांच के दायरे में विस में 202 से अब तक की सभी नियुक्तियों को भी लाना होगा। उन्होंने कहा कि हाकम सिंह तो बस एक मोहरा है।
असली तो वजीर है। बगैर वजीर को खोले घोटाले का सच नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत जोड़ों यात्रा में उत्तराखंड का भर्ती घोटाला भी शामिल कर लिया है। पार्टी जन जागरूकता के साथ काम कर रही है।
यह दावा माहरा ने मंगलवार को हल्द्वानी कांग्रेस स्वराज भवन में एक पत्रकार वार्ता में किया। उन्होंने कहा कि चार सितंबर की दिल्ली कांग्रेस रैली में उत्तराखंड से दस हजार से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को केवल सात हजार का लक्ष्य दिया गया था।
अभी तक पंद्रह हजार से ज्यादा लोगों ने दिल्ली चलने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दिल्ली रैली के माध्यम से भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी की लड़ाई को जनता के सहयोग से लड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि अब इस यात्रा के तीन मुद्दों के साथ ही उत्तराखंड का भर्ती घोटाला भी जुड़ गया है।
उन्होंने साफ किया कि आयोग की नियमावली के अनुसार पेपरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अध्यक्ष एवं सचिव पर भी है। पेपरों की वीडियोग्राफी का भी प्रावधान है। यहां तो पेपर रिजार्ट में हल करने की बात सामने आ रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को व्यापक जनहित में भर्ती घोटाले का सच बाहर लाने के लिए सबसे पहले केंद्र सरकार को उच्च न्यायालय के मौजूदा जज की निगरानी में सीबीआई जांच का प्रस्ताव भेजना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अभी एसटीएफ को भर्ती घोटाले की वास्तविक तस्वीर को सामने लाने के लिए आयोग के पूर्व के दोनों अध्यक्ष एवं सचिव को गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाकम सिंह ने तो एक आईएस के घर में कीचन में काम कर घोटाला किया। यहां तो कई बड़े लोग घोटाले में शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सहकारी बैंक, उमुविवि एवं विस में नियुक्तियों पर तभी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी उमुविवि में एक विचारधारा से जुड़े लोगों को नियुक्ति दी गई है। उन्होंने कहा कि सभी नियुक्तियों में इस तरह के घोटाले से मेहनती और होशियार अभ्यर्थियों के साथ चिंताजनक अन्याय हुआ है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न नियुक्तियों में करीब नौ सौ अभ्यर्थी निकले हैं। इसमें से दो सौ अभ्यर्थी एसटीएफ के रडार पर हैं। उन्होंने कहा कि शेष सात सौ को शपथ पत्र के साथ नियुक्ति दी जानी चाहिए। उन्होंने अपनी भावना से सीएम को बता दिया है। उन्होंने कहा कि अग्नि वीरों की भर्ती में अभ्यर्थियों से अग्निवीर आंदोलन में शामिल न होने का शपथपत्र लेना लोकतंत्र का मजाक है।
उन्होंने कहा कि अग्नि वीरों की नियुक्तियों से अब गांव में रिटायर्ड होने के बाद हवलदार साहब, सूबेदार साहब का अनुशासन और देखने को नहीं मिलेंगे। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक सुमित हृदयेश, पूर्व विधायक संजीव आर्य, जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल एवं महानगर अध्यक्ष राहुल छिम्वाल आदि मौजूद थे।