भडक़े प्रेम चंद अग्रवाल बोले, हां मैंने की हैं नियुक्तियां
कहा ,विधानसभा में तो पहले भी इसी तरह से नियुक्तियां होती रही हैं
देहरादून। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने शनिवार को विधानसभा में कथित बैकडोर भर्ती के सवाल पर भडक़ गए । शनिवार को मीडिया ने इस मामले में सवाल करने पर वे बोले-‘‘ हां मैंने नियुक्तियां की हैं और तीन प्रमोशन देकर डिप्टी सेक्रेटरी को विस का सचिव बनाया है। विस में तो पहले भी इसी तरह से नियुक्तियां होती रही हैं।
मौजूदा काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल 2017 से 2022 तक विस के अध्यक्ष रहे हैं। इस दौरान हुई 73 से अधिक नियुक्तियों को लेकर घमासान मचा हुआ है। अब ये मांग हो रही है कि राज्य गठन के बाद से अब तक हुईं सभी नियुक्तियों की जांच कराई जाए। कैबिनेट मंत्री ने सियासी लोगों के चहेतों की नियुक्तियों पर कहा कि हां, यह भी हुआ है।
वे परिधि में आ रहे थे। ऐसा क्या सवाल पूछे जाने पर उन्होंने तर्क दिया कि गैरसैंण में मैनपावर की जरूरत थी। लिहाजा टेंपरेरी अरेंजमेंट के तहत ऐसा किया गया है। प्रेम इस सवाल पर भड़क गए कि आखिर क्या वजह रही कि इन लोगों को वेतन के लिए पैसा उनके वित्त मंत्री बनने के बाद ही रिलीज किया गया।
पूर्व स्पीकर ने यह भी पूछा गया कि एक जूनियर अफसर को कई लोगों की वरिष्ठता को नजरअंदाज करके सीधे सचिव क्यों बना दिया गया। इस पर प्रेम ने फिर उसी अंदाज में कहा कि हां, उन्होंने उसे तीन प्रमोशन देकर सचिव बनाया है। नियमों के तहत प्रमोशन में उन्होंने शिथिलता दी है। इसमें कहीं कोई अनियमितता नहीं हैं।
यहां बता दें की विस के मौजूदा सचिव मुकेश सिंघल पहले डिप्टी सेक्रेटरी (शोध) थे। इन्हें सचिव बनाने के लिए पहले ज्वाइंट सेक्रेटरी और तुरंत ही एडिशनल सेक्रेटरी पद पर प्रमोट किया गया। फिर प्रभारी सचिव बनाया गया और स्पीकर का कार्यकाल समाप्त होने से ऐन पहले स्थायी सचिव बना दिया गया।
पूर्व स्पीकर ने यह भी पूछा गया कि एक जूनियर अफसर को कई लोगों की वरिष्ठता को नजरअंदाज करके सीधे सचिव क्यों बना दिया गया। इस पर प्रेम ने फिर उसी अंदाज में कहा कि हां, उन्होंने उसे तीन प्रमोशन देकर सचिव बनाया है। नियमों के तहत प्रमोशन में उन्होंने शिथिलता दी है। इसमें कहीं कोई अनियमितता नहीं हैं।
यहां बता दें की विस के मौजूदा सचिव मुकेश सिंघल पहले डिप्टी सेक्रेटरी (शोध) थे। इन्हें सचिव बनाने के लिए पहले ज्वाइंट सेक्रेटरी और तुरंत ही एडिशनल सेक्रेटरी पद पर प्रमोट किया गया। फिर प्रभारी सचिव बनाया गया और स्पीकर का कार्यकाल समाप्त होने से ऐन पहले स्थायी सचिव बना दिया गया।
अहम बात यह भी कि सभी प्रमोशन एक साल के अंदर ही दे दिए गए। सचिव की नियुक्ति के लिए कोई आवेदन नहीं मांगा गया और न ही न्याय विभाग से प्रतिनियुक्ति पर तैनाती का कोई प्रयास किया गया आज विधानसभा बैक डोर नौकरी भर्ती देने मामले में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रेम चंद अग्रवाल भड$क गए।
उन्होंने कहा कि जब वह विधानसभा स्पीकर थे तो आवश्यकता अनुसार ही उन्होंने विधानसभा में अभ्यर्थियों की भर्ती करवाई। उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले भी जब-जब विधानसभा स्पीकर को जरूरत लगती है तो विधानसभा में भर्तियां की जाती है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे समय में जो भर्तियां की गई उस समय गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी के तहत स्टाफ की जरूरत थी जिन को अस्थाई तौर पर रखा गया है और विपक्ष इसमें बेवजह तूल दे रहा है।