डीएवी में छात्रों ने प्राचार्य समेत शिक्षकों को स्टाफ रूम में बनाया बंधक

छह घंटे बाद ताला तोडक़र पुलिस ने छात्रों की कैद से कराया आजाद

देहरादून। डीएवी पीजी कालेज में मांग न पूरी होने पर छात्रों ने प्राचार्य समेत एक दर्जन शिक्षकों को करीब छह घंटे तक बंधक बनाये रखा। शाम को पुलिस ने स्टाफ रूप का ताला तोडक़र प्राचार्य व शिक्षकों को आजाद कराया। पुलिस ने मामले में कुछ छात्र नेताओं को गिरफ्तार भी किया है।
छात्र संख्या के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी पीजी कालेज में बृहस्पतिवार को छात्र नेताओं ने स्नातक प्रथम सेमेस्टर में आफ लाइन फीस जमा करने की मांग उठाई। छात्रों का तर्क था कि कोराना महामारी के बाद स्थिति सामान्य हो चुकी है।

सभी गतिविधियां आफ लाइन मोड में हो रही है। इसलिए फीस आफ लाइन मोड में जमा की जानी चाहिए। ऑनलाइन फीस जमा करने में तमाम छात्रों को परेशानी हो रही है। प्राचार्य डा. केआर जैन ने छात्रों की मांग को मानने से इनकार कर दिया।

इससे गुस्साए छात्रों ने पूर्वाह्न करीब 11.15 बजे स्टाफ रूम में ताला जड़ दिया। उस समय स्टाफ रूम में प्राचार्य के साथ-साथ चीफ प्रोक्टर व डीएसडब्ल्यू समेत करीब एक दर्जन शिक्षक मौजूद थे। स्टाफ रूम के अंदर प्राचार्य ने छात्र नेताओं को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन छात्र नेता कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था। इसके बाद प्राचार्य ने पुलिस को स्थिति से अवगत कराते हुए जरूरी कदम उठाने की मांग की।

घटना की जानकारी मिलने पर सीओ सिटी व डालनवाला थाना प्रभारी ने डीएवी पहुंच कर शाम करीब पांच बजे स्टाफ रूम का ताला तोड़कर प्राचार्य व शिक्षकों को मुक्त कराया। साथ ही विरोध कर रहे छात्रों को पुलिस ने जबरन पुलिस ने ऋषभ मल्होत्रा, सुमित यादव, उदित थपलियाल, आतिक अहमद, अंजली चमोली समेत 15 से 18 छात्र-छात्राओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई जहां से करीब एक घंटे बाद रिहा कर दिया गया। छात्र नेता ऋषभ मल्होत्रा ने कालेज प्रशासन पर छात्र हितों की अनदेखी का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि हर छात्र से प्रोस्पेक्टस के नाम पर 60 रुपये लिया जाता है, जबकि प्रोस्पेक्टस छात्रों को दिया नहीं जाता है। प्रोस्पेक्टस के नाम पर छात्रों से वसूली गई राशि का कालेज प्रशासन हिसाब देने को तैयार नहीं है।

आन लाइन फीस जमा करने की व्यवस्था कई सालों से चल रही है। विवि द्वारा भी परीक्षा फीस ऑनलाइन जमा कराई जाती है। इससे छात्र-छात्राओं को सुविधा होती है। छात्र कहीं से भी आनलाइन फीस जमा कर सकते हैं।’
डा. केआर जैन
प्राचार्य, डीएवी पीजी कॉलेज

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