पटना। बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन टूट गया। इसी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को इस्तीफा सौंप दिया। साथ ही उन्होंने राजद, जदयू, कांग्रेस और वाम दलों के 160 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को देते हुए महागठबंधन की सरकार बनाने का दावा भी पेश किया।
बिहार के राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद जदयू नेता नीतीश कुमार ने कहा कि सभी सांसद और विधायक आम सहमति पर हैं कि हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए। इसके तुरंत बाद उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ये पूछने पर कि भाजपा से क्या परेशानी थी, नीतीश कुमार ने कहा कि इस सवाल का जवाब वे बाद में देंगे। इसके बाद वे सीधे वहां से राबड़ी देवी के आवास के लिए रवाना हो गए। राबड़ी देवी के आवास पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
नयी सरकार में बताया जा रहा है कि कांग्रेस और राजद से दो उप मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, महागठबंधन ने साफ कर दिया कि उन्होंने नीतीश कुमार को ही नेता माना है।इन सभी घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार की जनता और भाजपा को नीतीश कुमार ने धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि 2017 से और अब क्या अंतर आया, नीतीश कुमार इसका जवाब दें।
संजय जायसवाल ने कहा कि 2020 में एनडीए के तहत मिलकर चुनाव लड़ा। कम सीट जीतने के बाद भी भाजपा ने पीएम मोदी के कहने पर नीतीश कुमार को सीएम बनाया। नीतीश कुमार ने 2017 में गठबंधन तोड़ने का अफसोस भी जताया था।