गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी या रोजगार से जोड़ना सुनिश्चित करने जा रही है।
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित वृहद रोजगार मेला एवं सेवायोजित प्रशिक्षणार्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुये उन्होने कहा कि इसके लिए प्रदेश में सभी परिवारों के सभी सदस्यों की स्किल मैपिंग का अभियान शुरू होने जा रहा है।
स्किल मैपिंग के बाद आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण देकर वंचित लोगों को रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। सरकार का संकल्प है कि प्रदेश में कोई भी परिवार रोजगार से वंचित नहीं रहेगा। उन्होने कहा कि स्किल मैपिंग के दौरान यह पता लगाया जाएगा कि कितने परिवार में सदस्य नौकरी से जुड़े हैं या सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर रोजगार कर रहे हैं।
इसमें जो भी वंचित मिलेंगे उनका डाटा तैयार किया जाएगा। एक बार डाटा आते ही बचे परिवारों को विशेष कार्यक्रम से जोड़कर कम से कम उनके एक सदस्य को नौकरी व रोजगार मुहैया कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद युवाओं, उद्यमियों, हस्तशिल्पियों व कारीगरों के ऊर्जा व हुनर को पहचान देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए।
स्किल इंडिया, स्टार्टअप, स्टैंडअप, मेक इन इंडिया, मुद्रा आदि योजनाओं के क्रियान्वयन से युवाओं को पहली बार लगा कि सरकार उनके बारे में भी सोचती है। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के साथ ही डबल इंजन की सरकार ने केंद्र व राज्य की रोजगारपरक योजनाओं को तेजी से बढ़ाया है।
योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने बीते 5 साल में 5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। 1.61 करोड़ युवाओं को एमएसएमई व उद्यमों में रोजगार से जोड़ा गया है। 60 लाख हस्तशिल्पियों व कारीगरों को स्वत: रोजगार के लिए बैंकों से अनुदानित लोन उपलब्ध कराया गया है।
इन सबका परिणाम पूरे देश के सामने है। वर्ष 2015-16 में यूपी में बेरोजगारी दर 18 फीसद से अधिक थी। कोरोनाकाल की चुनौती के बावजूद जबकि 40 लाख प्रवासी कामगार व श्रमिक यूपी लौटे, बेरोजगारी दर करीब 16 फीसद घटकर अब महज 2.7 फीसद पर है।