एक अध्यापक के भरोसे तीस छात्रों का भविष्य

ऊखीमठ। क्यूट घाटी के जूनियर हाई स्कूल अखोडी में तैनात प्रभारी प्रधानाध्यापक के 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने तथा विद्यालय में तैनात दूसरी अध्यापिका के डेढ़ वर्ष पूर्व मेडिकल पर चले जाने के बाद विद्यालय में अध्ययनरत 30 नौनिहालों के पठन-पाठन का जिम्मा एकल अध्यापक के भरोसे संचालित होने से शिक्षा विभाग के सब पढ़े-सब बढे नारों की पोल खुल गयी है।

विद्यालय में अध्यापकों की तैनाती के लिए जनप्रतिनिधियों व अभिभावकों द्वारा शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगाई गयी है, मगर आज तक विद्यालय में अतिरिक्त अध्यापक की तैनाती न होने के शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है।

अभिभावकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि समय रहते विद्यालय में रिक्त पदों की भरपाई नहीं की गयी तो ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों व अभिभावकों को छात्र हितों के लिए सडक़ों पर उतरने के लिए बाध्य होना पडेगा।

बता दे कि 30 छात्रों वाले जूनियर हाईस्कूल अखोडी में तैनात अध्यापिका डेढ़ वर्ष से मेडिकल पर है तथा विद्यालय में तैनात प्रभारी प्रधानाध्यापक 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने से नौनिहालों का पठन-पाठन का जिम्मा एकल अध्यापक के भरोसे संचालित हो रहा है।

प्रभारी प्रधानाध्यापक के सेवानिवृत्त होने के बाद जनप्रतिनिधियों व अभिभावकों के एक शिष्टमंडल ने अप्रैल माह में मुख्य शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर विद्यालय में रिक्त पदों पर भरपाई की मांग की थी तथा मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा जुलाई में रिक्त पदों पर भरपाई का आश्वासन दिया गया था, मगर आज तक विद्यालय में रिक्त पदों की भरपाई न होने से शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है।

विगत दिनों अभिभावकों व जनप्रतिनिधियों के शिष्टमंडल ने जिला प्रशासन से रिक्त पदों पर भरपाई की मांग की थी, मगर जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद भी आज तक रिक्त पदों पर भरपाई नहीं हुई है। प्रधान रेखा देवी ने बताया कि विद्यालय में अध्ययनरत 30 नौनिहालों के पठन-पाठन का जिम्मा एकल अध्यापक के भरोसे संचालित होने से स्पष्ट हो गया है कि शिक्षा विभाग नौनिहालों के भविष्य के प्रति सजग रहने के बजाय खिलवाड़ कर रहा है।

पीटीए अध्यक्ष अनीता देवी का कहना है कि कुछ विद्यालयों में विभाग द्वारा मानकों से अधिक अध्यापकों की तैनाती कर रखी है तथा अखोडी विद्यालय की अनदेखी करने से साफ हो गया है कि शिक्षा विभाग सीमांत क्षेत्रों के विद्यालय में अध्ययनरत नौनिहालों के भविष्य के प्रति सजग नहीं है।

कुंवर सिंह नेगी का कहना है कि वर्तमान समय में किसी भी प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालय में अध्ययनरत नौनिहालों में भी प्रतिस्पर्धा चल रही है ऐसी स्थिति में यहाँ के नौनिहाल मध्याह्न भोजन ग्रहण करने तक सीमित रह गयें है।

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