नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे राजेश गुलाटी को अल्पकालिक जमानत (शार्ट टर्म बेल) प्रदान कर दी है।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में राजेश गुलाटी की ओर से पेश जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। प्रार्थना पत्र में शार्ट टर्म जमानत की मांग करते हुए कहा गया कि वह लंबे समय से बीमार है और उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है।
उसकी सर्जरी की जानी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से यह भी कहा गया कि राजेश का जेल में अच्छा आचरण रहा है और इसी के चलते उसे प्रमाण पत्र भी मिला है।
अदालत ने अंत में उसे 45 दिन की शार्ट टर्म बेल प्रदान कर दी। अदालत ने इस मामले में 21 जुलाई को सुनवाई के बाद आदेश जारी किये थे हुई थी लेकिन आदेश की प्रति आज मिली।
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने 17 अक्टूबर, 2010 को देहरादून में पत्नी अनुपमा गुलाटी की निर्ममता हत्या कर दी थी। साथ ही शव के 72 टुकड़े कर डीप फ्रिजर में छिपा दिया था।
दिसंबर, 2010 में अनुपमा गुलाटी के भाई के देहरादून आने के बाद हत्या का राज खुला। देहरादून की अदालत ने इस हत्याकांड को जघन्य मानते हुए 01 सितम्बर, 2017 को राजेश गुलाटी को आजवीन कारावास की सजा सुना दी थी।
साथ ही दोषी पर 15 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था। राजेश गुलाटी की ओर से निचली अदालत के आदेश के खिलाफ 2017 में उच्च न्यायालय में अपील दायर की गयी है।