नैनीताल। न्यायालय ने चमोली की तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के खिलाफ नंदा राजजात के दौरान गड़बड़ी के मामले में सरकार को आइना दिखाते हुए कहा कि सरकार ऐसे मामलों में कुंडली मारकर नहीं बैठ सकती है। अदालत ने सरकार को दो महीने में कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ ने चमोली निवासी पृथ्वी सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के बाद ये निर्देश दिये। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि 2012-13 में नंदा राजजात यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग की मरम्मत में वित्तीय गड़बड़ी सामने आयी थीं। सुश्री भंडारी तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष थीं।
जांच में भी अनियमितता की पुष्टि हुई है, लेकिन सरकार की ओर से कारण बताओ नोटिस के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि सरकार को सात मार्च, 2021 को इस मामले में एक प्रत्यावेदन सौंपा गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अदालत ने सरकार के प्रत्यावेदन लंबित रहने के जवाब में साफ कहा कि सरकार ऐसे मामलों में कुंडली मारकर नहीं बैठ सकती है। अदालत ने कहा कि सरकार दो महीने में प्रत्यावेदन में उठाये गये बिन्दुओं पर कार्रवाई करे। इसी के साथ अदालत ने जनहित याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया है।