देहरादून। जहां तक मेरी साइकिल जाएगी, वहां तक टीबी की जागरुकता फैलाने का कार्य करता रहूंगा। यह बात टीबी चैंपियन कमलेश कुमार, टीयू, सहसपुर ने कही।
जो कि एमडीआर टीबी से ग्रसित रहे जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद टीबी पर विजय पायी और आज वह रीच संस्था के माध्यम से टीबी से ग्रसित लोगों के घर साइकिल से जाकर जागरुरकता फैला रहे हैं तथा इससे प्रभावित लोगों को दवाई उपलब्ध कराने के साथ प्रोत्साहित करने का भी कार्य कर रहे हैं।
कमलेश का एक ही उद्देश्य है जिस तरह से उन्हें टीबी जैसी घातक बिमारी का सामना करना पड़ा, वैसा किसी और को न करना पड़े। साथ ही टीबी से संक्रमित व्यक्ति को हर संभव मदद दी जा सके, यही उनके जीवन का महत्वपूर्ण लक्ष्य बन चुका है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन नियंत्रण कार्यक्रम एवं रीच संस्था के समन्वय से एन.एच.एम. के सभागार में आयोजित कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के दौरान रीच संस्था द्वारा प्रदेश के पांच जनपदों देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार, उधम सिंह नगर व नैनीताल में चलाए जा रहे यूनाइट टू एक्ट, टीबी को समाप्त करने के लिए सामुदायिक कार्रवाई को बढ़ाने के लिए प्रस्तुतिकरण दिया गया।
जिसका मुख्य उद्देश्य टीबी सर्वाइवर की कार्यक्षमता का विस्तार करना तथा उनके माध्यम से समुदाय में टीबी उन्मूलन हेतु कार्य करना है।
कार्यक्रम के आरंभ में रीच संस्था की यूनाइट टू एक्ट कार्यक्रम की प्रमुख श्रीमती इस्मिति द्वारा उत्तराखंड में चलाए जा रहे टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का विवरण दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि प्रदेश के पांच जनपदों में 52 टीबी चैंपियन, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
जिससे तकरीबन 4,653 टीबी से ग्रस्त लोगों को लाभ मिला है। साथ ही उन्होंने बताया कि इन टीबी चैंपियन्स के माध्यम से बीमारी से ग्रसित लोगों को प्रोत्साहित करते हुए, इससे संबंधित सावधानियां टीबी से प्रभावित मरीजों को बताते हैं एवं टीबी के दौरान इलाज में निरंतरता बनाए जाने पर जोर देते हैं।
कार्यक्रम में टीबी चैंपियन हिना परवीन, अरुण कुमार, कनक, किरन थापा द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया गया। कार्यक्रम के दौरान रीच संस्था द्वारा बनाया गया आईईसी पोस्टर का लोकार्पण भी किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनएचएम, निदेशक द्वारा कहा गया टीबी उन्मूलन हेतु टीबी चैंपियनों का सक्रिय सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने रीच संस्था से अनुरोध किया की वह ज्यादा से ज्यादा टीबी सर्वाइवर लोगों को इस कार्यक्रम से जोड़े ताकि उत्तराखंड को टीबी मुक्त बनाया जा सके।
साथ ही टीबी को लेकर जो आम-जनमानस के बीच भ्रांतियां है उन्हें दूर किया जा सके। एनएचएम के प्रतिनिधियों ने टीबी पर विजय प्राप्त किए हुए टीबी सर्वाइवरस के जज्बे, हिम्मत को सराहा साथ ही इन्हे सक्षम करने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।