नैनीताल। आवारा कुत्तों के आतंक से सरकार की परेशानी बढ़ गयी है। न्यायालय ने सरकार से सभी नगर पालिकाओं और निकायों में आवारा कुत्तों से जुड़े आंकड़े उपलब्ध कराने को कहा है।
दरअसल 2017 में नैनीताल निवासी गिरीश चंद्र खोलिया की ओर से शहर में आवरा कुत्तों और नैनीताल नगर पालिका की निष्क्रियता के मामले को उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गयी थी।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांधी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ में बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि नैनीताल में एबीसी सेंटर के बावजूद आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा हो रहा है। कुत्तों के हमले में कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है।
न्यायालय ने इस मामले में आज सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से नैनीताल नगर पालिका को पक्षकार बनाने के निर्देश देने के साथ ही उसे विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
अदालत ने कहा है कि नगर पालिका बताये कि आवारा कुत्तों के मामले में उसने क्या कदम उठाये हैं और कितने कुत्तों का बंध्याकरण किया गया है। अदालत ने इस मामले हुए सरकार को भी निर्देश दिये कि वह आवारा कुत्तों के मामले में प्रदेश के निकायों सभी निकायों की स्थिति को लेकर विस्तृत रिपोर्ट 21 सितम्बर तक अदालत में पेश करे।