गोमती नदी बनी डंपिंग जोन, डाला जा रहा है नदी में मलबा

निर्मल गंगा अभियान चलाने वालों ने साधी चुप्पी

बागेश्वर । जनपद में सरकार के निर्मल गंगा अभियान को चलाने वाले नदियों को स्वच्छ रखने के लिए कितने गंभीर हैं यह गोमती नदी के हालत को देख कर लगता है। बागेश्वर- सोमेश्वर मार्ग में थौणांई के समीप कुछ निर्माण कर्ता गोमती नदी में मलबा डाल रहे हैं परंतु इसको रोकने वाला कोई नहीं है।

प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के आह्वान पर नदियों को बचाने के लिए निर्मल गंगा अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत कुछ विशेष दिन में नदियों को बचाने के लिए रैली निकाली जाती है तथा कुछ कथित समाजसेवी भी नदी में सफाई अभियान की औपचारिकता करके सोशल मीडिया व समाचार पत्रों में फोटो प्रकाशित करवाया हैं इसके बाद नदियों की सफाई के लिए क्या हो रहा है किसी को कोई मतलब नहीं रहता है।

बागेश्वर- सोमेश्वर मोटर मार्ग में थौणांई के समीप लंबे समय से स्थानीय भवन निर्माण कर्ताओं ने कई टन मलबा गोमती नदी में डाला जिस पर प्रशासन ने कार्रवाई की बात कही थी परंतु इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर गत दिवस एक बार फिर से भवन निर्माण कर्ताओं द्वारा गोमती नदी में मिट्टी डाली जा रही है।

थौलाई के पास शिव मंदिर के समीप विभाग द्वारा प्रतिदिन डंपर के माध्यम से मलबा डाला जा रहा है जिससे गोमती नदी में मलबा जमा हो रहा है। बता दें कि कुछ किमी आगे आकर यही मलबा सरयू नदी में आ रहा है। जिससे सरयू नदी भी प्रभावित हो रही है। स्थानीय जनता ने प्रशासन से नदी में मलबा डाले जाने पर रोक लगाए जाने की मांग की है।

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