इंफाल। मणिपुर में हुए विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 42 हो गई। वहीं राहत एवं बचाव दल खराब मौसम के बावजूद जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहा है। मणिपुर के तुपुल में 29 और 30 जून की दरम्यानी रात को भूस्खलन हुआ था।
उधर, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने दक्षिणी इंफाल के आईजीएआर में स्थित असम राइफल्स सैन्य अस्पताल पहुंचे और यहां उपचार करवा रहे सुरक्षाकर्मियों का हाल जाना। इस दौरान उन्होंने सभी घायलों, हवलदार मरजिशन सिंह और नीमा ओंचू शेरपा, लांस नायक हिरद्या लमंग, राइफलमैन सिद्धांत छेत्री, सारंगथेम श्यामचंद्र सिंह, प्रोकश नेवार और शेफ किंकर परुआ को 50-50 हजार रुपये चेक सौंपा।
रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य बलों, सेना, असम राइफल्स, प्रादेशिक सेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) द्वारा तुपुल में घटना स्थल पर तलाशी अभियान भारी बारिश के कारण प्रतिकूल मौसम की स्थिति और ताजा भूस्खलन के बावजूद जारी है।
उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान को तेज करने के लिए थ्रू वॉल रडार और खोजी कुत्तों को भी लगाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के मुख्य स्थल के आसपास के नुंगडोलन, नुंगकाओ और सिबिलोंग इलाके भी प्रभावित हुए हैं और सरकार ने इन क्षेत्रों में वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है।
उन्होंने बताया कि प्रादेशिक सेना के सात जवानों के पार्थिव शरीर को भारतीय वायुसेना के विमान और भारतीय सेना के एक हेलीकॉप्टर द्वारा कोलकाता, बागडोगरा और अगरतला भेजा गया। उन्होंने इंफाल में जीओसी रेड शील्ड डिवीजन और आईजी आईजीएआर (दक्षिण) द्वारा उन्हें पूर्ण सैन्य सम्मान दिया गया।