नैनीताल । बागेश्वर जनपद में उच्च हिमालयी क्षेत्र में कुवांरी गांव में अस्तित्व में आयी कृत्रिम झील को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है और सिंचाई विभाग व राज्य आपदा प्रबंधन बल की ओर से सुरक्षात्मक कार्य शुरू कर दिया गया है। बागेश्वर की जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि 21000 वर्गमीटर की कृत्रिम झील को लेकर सुरक्षा उपाय करने के लिये सिंचाई विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
कपकोट स्थित सिंचाई विभाग व एसडीआरएफ की एक टीम कपकोट पहुंच गयी है और उसने काम शुरू कर दिया है। झील के मुहाने पर जमा मलबा को हटाया जा रहा है। मशीनों के बजाय मजदूरों से सुरक्षा कार्य करवाया जा रहा है। कपकोट तहसील के सुदूरवर्ती कुवांरी गांव में वर्ष 2013 में आयी आपदा व भूगर्भीय हलचल के चलते हुए भूस्खलन से स्थानीय शंभु नदी में एक झील ने आकार ले लिया था। नदी के मुहाने पर मलबा जमा हो गया था जिससे बहाव अवरूद्ध हो गया और 21000 वर्गमीटर की एक कृत्रिम झील अस्तित्व में आ गयी थी।
कुवांरी की प्रधान धर्मा देवी की ओर से इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गयी। इसके बाद कपकोट के तहसीलदार की अगुवाई में राजस्व, सिंचाई, वन विभाग, पीएमजीएसवाई और भूतत्व व खनिकर्म विभाग की एक टीम मौके पर भेजी गयी। गत 26 जून को टीम ने शंभु नदी का निरीक्षण किया। रिपोर्ट में कहा गया कि कुंवारी व किलपारा गांव की सरहद पर शंभु नदी पर 600 से 700 मीटर लंबी और 25 से 30 मीटर चौड़ी जबकि 10 से 15 मीटर गहरी झील में 6500 क्यूसेक पानी एकत्र हो गया है।
झील से हालांकि नुकसान की आशंका नहीं जताई गयी थी लेकिन बरसाती सीजन को देखते हुए सुरक्षात्मक उपाय करने की बात कही गयी थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नदी के अपस्ट्रीम में आबादी वाला कोई क्षेत्र नहीं है जबकि डाउनस्ट्रीम में डेढ़ किमी दूर किलपारा गांव का एकमात्र बिलुप तोक है। यह तोक भी नदी तल से 60 मीटर उंचाई पर मौजूद है। फिलहाल प्रशासन अलर्ट है।