जीएसटी : कई वस्तुओं पर कर में बदलाव, होटल, बैंक चेक, अनाज,चावल सब होंगे महंगे

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने दरों को युक्तिसंगत करने और उल्टे शुल्क ढांचे की शिकायतें दूर करने के लिए कई वस्तुओं पर कर में बदलाव किया और कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर छूट वापस लेने का फैसला किया।

इन निर्णयों से बिना ब्रांड के पैकेज्ड अनाज, खाद्य तेल, दुग्ध उत्पाद, होटल और अस्पतालों के कमरे तथा चाकू, पेंसिल शार्पनर और चम्मच-कांटा आदि महंगा हो जाएगा। सर्वाधिकार सम्पन्न जीएसटी परिषद की आज चंडीगढ़ में सम्पन्न दो दिवसीय बैठक में संशोधित जीएसटी की दरें अब 18 जुलाई से लागू हो जाएंगी।

बैठक की जानकारी देते हुए परिषद की अध्यक्ष एवं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि परिषद ने कई वस्तुओं पर जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) को संशोधित करने की सिफारिश की है।बैठक के बाद जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार नये निर्णयों से चाकू, कागज के चाकू, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे, करछुल, स्किमर्स और केक-सर्वर पर जीएसटी की दर 12 से बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगी।

इसी तरह बीजों,अनाज और दालों की सफाई, छँटाई या ग्रेडिंग की मशीनों, अनाज मिलों में प्रयुक्त मशीनरी, पवन चक्की और वेट ग्राइंडर पर कर की दर पांच प्रतिशत की जगह 18 लागू होगी।इस निर्णय से होटल के अपेक्षाकृत सस्ते कमरों पर जीएसटी लागू होने से ये कमरे महंगे होंगे। अब 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम के किराए वाले होटल कक्ष के लिए 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा। इसी तरह प्रति मरीज 5,000 रुपये प्रतिदिन से अधिक के अस्पताल के कमरे का किराया (आईसीयू को छोड़कर) पांच प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आएगा और इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा।

जीएसटी परिषद ने बैंक चेक पर कर छूट को वापस लेने और 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का भी फैसला किया।मानचित्र और हाइड्रोग्राफिक या सभी प्रकार के समान चार्ट, जिनमें एटलस, वॉल मैप, स्थलाकृतिक योजना वाले मानचित्र और ग्लोब पर जीएसटी की छूट खत्म की जा रही है और इन पर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।विज्ञप्ति ने स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत की रियायती जीएसटी दर से जीएसटी लगेगी, भले ही बैटरी पैक से सुसज्जित हैं या नहीं।

विज्ञप्ति के अनुसार, कंपोजीशन करदाताओं को कुछ शर्तों के अधीन ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के माध्यम से राज्य के भीतर आपूर्ति करने की अनुमति होगी।कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि दरों में बढ़ोतरी से कुछ हद तक मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ेगा लेकिन यह कदम सही दिशा में था।पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा, ह्लअलग-अलग मदों पर दरों में बढ़ोतरी पर हमेशा दो नजरिए होंगे लेकिन जीएसटी परिषद का फैसला सही है क्योंकि यह उल्टे कर ढांचे की शिकायत दूर करता है और इसमें छूट करने का प्रयास करता है।

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